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Monday, October 21, 2024
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सभी को जीत के लिए राम का सहारा,तो इसलिए राजनीति का अखाड़ा बनी अयोध्या?

7 सितंबर को रुदौली में ओवैसी की सभा

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अयोध्या। रामनगरी अयोध्या यूपी 2022 के चुनाव को लेकर राजनीति का अखाड़ा बन गई है। भाजपा तो पहले से ही रामनगरी को लेकर चर्चित थी, लेकिन उसी की तर्ज पर सपा और बसपा के बाद अब ओवैसी का रुख भी अयोध्या की तरफ है। ओवैसी 7 सितंबर को अयोध्या पहुंच रहे हैं। वे जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर रुदौली में एक जनसभा करेंगे। जिसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं। जिस तरह से विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां अयोध्या का रुख कर रही हैं। उससे ऐसा लगता है कि सभी को जीत के लिए भगवान राम का सहारा है। भाजपा तो भगवान राम को लेकर पहले से ही चर्चा में रही है कि वह राम के नाम को लेकर चुनाव मैदान में उतरती है, पर आने वाले इस विधानसभा चुनाव में लगभग सभी राजनीतिक पार्टियां अयोध्या पहुंच रही हैं। बहुजन समाज पार्टी ने ब्राह्मण सम्मेलन कर राजनीतिक पार्टियों को सकते में डाला।

यहां तक कि सतीश मिश्रा ने मंच से भगवान श्रीराम के जयकारे भी लगाए, तो वहीं समाजवादी पार्टी भी अयोध्या पहुंचकर चुनावी बिगुल फूंक रही है। 14 सितंबर को आम आदमी पार्टी भी अयोध्या में तिरंगा यात्रा निकाल रही है। इस तिरंगा यात्रा में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, सांसद संजय सिंह व 1 दर्जन से अधिक दिल्ली के विधायक शामिल होंगे। ओवैसी की जनसभा में जो पोस्टर बनाए गए हैं उसमें अयोध्या जनपद की जगह फैजाबाद लिखा हुआ है। जब एमआईएम के जिला अध्यक्ष शहनवाज सिद्दीकी से सवाल हुआ तो उन्होंने कहा कि अभी इसकी आदत नहीं पड़ी है। धीरे-धीरे इसकी आदत पड़ जाएगी। यानी कि पोस्टर छपवाने में भी आदत डालने की जरूरत है। पर ओवैसी अयोध्या और फैजाबाद को लेकर सियासत करने के मूड में हैं। विपक्ष ओवैसी पर भाजपा का एजेंट बनने का आरोप लगाता आया है। क्योंकि ओवैसी मुसलमानों का वोट ही काटेंगे।

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