30 C
Mumbai
Monday, November 25, 2024
होमन्यूज़ अपडेटMumbai: रानी बाग में पेंग्विन दे रही हैं सोने के अंडे!

Mumbai: रानी बाग में पेंग्विन दे रही हैं सोने के अंडे!

Google News Follow

Related

मुंबई। देश भर में मशहूर मुंबई मनपा के चिड़ियाघर रानी बाग में इन दिनों पेंग्विन सोने के अंडे दे रही है, तभी तो महाराष्ट्र की सत्ता में शिवसेना की साझेदार कांग्रेस की इस मसले को लेकर उससे ठनी हुई है।

पेंग्विन साबित ‘ सफेद हाथी ‘

असल में रखरखाव को लेकर रानी बाग में पेंग्विन ‘ सफेद हाथी ‘ साबित हो रहा है। विवाद की वजह 15 करोड़ रुपये का टेंडर है। इस मुद्दे पर कांग्रेस सहित भाजपा ने भी मनपा की कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस ने जहां इसे ठेकेदार के लिए सोने के अंडे देने वाली मुर्गी होने का आरोप लगाया है, वहीं भाजपा ने धनाभाव के कारण विकासकार्यों को ठप रख इस तरह की फिजूलखर्ची का जमकर विरोध किया है।

10 करोड़ की केबिन, ढाई करोड़ की खरीद

2017 में हम्बोल्ट नस्ल की 8 पेंग्विन दक्षिण कोरिया से मुंबई लाई गई थीं। लाए जाने के दो महीने बाद ही इनमें से एक मर गया। फिलहाल रानी बाग में 7 पेंग्विन हैं। पेंग्विन का मुद्दा उन्हें लाए जाने के वक्त से ही लागत को लेकर विवाद के घेरे में रहा है। 2017 में पेंग्विन के लाए जाने के लिए उन्हें रखने 10 करोड़ रुपए खर्च कर विशेष कक्ष बनवाया गया, फिर पेंग्विन की खरीद पर 2.5 करोड़ रुपये खर्च हुए।

सवा 15 करोड़ का टेंडर

अब 2021 से 2024 तक की अवधि के लिए 15 करोड़ 26 लाख 23 हजार 720 रुपये खर्च की निविदा मंगाई गई है। इसमें पेंग्विन कक्ष, एयर कंडीशनिंग सिस्टम, जीवन रक्षक प्रणाली, पशु चिकित्सा अधिकारियों की सेवा और पेंग्विन के लिए मछली आदि खाद्य सामग्री की आपूर्ति के खर्च का समावेश है। बीते 3 साल की अवधि में पेंग्विन के रखरखाव पर 10 करोड़ रुपए खर्च हुए।

मनपा डॉक्टर अच्छी तरह वाकिफ

मनपा में विपक्षी दल नेता रवि राजा का कहना है कि इन पेंग्विन को जब विदेश से लाया गया था, तब उनकी चिकित्सा जांच और स्वास्थ्य प्रबंधन मनपा के डॉक्टर किया करते थे। इस तरह मनपा के डॉक्टर पेंग्विन की हेल्थ-हिस्ट्री से अच्छी तरह वाकिफ हैं। उन्होंने सवाल उठाया है कि इस काम लिए मनपा के डॉक्टर की नियुक्ति संभव होने के बावजूद टेंडर जारी कर आखिर बाहरी ठेकेदार को नियुक्त करने की क्या जरूरत है? कोरोना के चलते एक तो वैसे ही मनपा की आर्थिक स्थिति खस्ता है, विकास कार्यों के लिए फंड की कतरब्योंत जरूरी हो गई है, ऊपर से ठेकेदार को रख फिजूलखर्ची की जा रही है।

राजस्व की बर्बादी

भाजपा दल नेता प्रभाकर शिंदे ने कहा है कि मनपा को अब यह तय करने का समय आ गया है कि मुंबई में किन कार्यों को प्राथमिकता दी जाए और किस फंड को किस तरह खर्च किया जाए। मुंबईवासी देख सकते हैं कि कैसे सत्तारूढ़ शिवसेना और प्रशासन मिलकर उनके राजस्व को बर्बाद कर रहे हैं। जब मनपा वित्तीय दिवालियापन के कगार पर खड़ी है, धनाभाव में तमाम विकासकार्य थमे हुए हैं, प्रशासन को इस बात पर गंभीरता से गौर करनी चाहिए कि किस काम को वरीयता दी जाए।

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,293फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
197,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें