अहमदाबाद। भूपेंद्र पटेल ने गुजरात सीएम पद की सोमवार दोपहर शपथ ले ली। राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में उन्हें राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने भाषा में अकेले सीएम पद की शपथ दिलाई। भूपेंद्र पटेल गुजरात के 17 वें मुख्यमंत्री बने। इस मौके पर गृह मंत्री अमित शाह, गोवा सीएम प्रमोद सावंत , मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा सीएम मनोहर खट्टर,कर्नाटक सीएम बसवराज बोम्मई व अन्य केंद्रीय मंत्री उपस्थित थे।
नितिन पटेल पर सभी की निगाहें थीं क्योंकि वह कल शाम को राजभवन नहीं पहुंचे और उनकी नाराजगी की अटकलें लगाई जा रही थीं। भूपेंद्र पटेल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले नितिन पटेल के घर जाकर उनका आशीवार्द लिया था। ‘दादा’ के उपनाम से मशहूर और पेशे से बिल्डर पटेल ने कल शाम राजभवन जाकर राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया था। इस मौक़े पर केंद्रीय निरीक्षक नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद जोशी (दोनो केंद्रीय मंत्री) तथा पाटीर् के केंद्रीय महामंत्री तरुण चुघ, प्रदेश प्रमुख सी आर पाटिल और प्रदेश प्रभारी भूपेन्द्र यादव, पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और कई पूर्व मंत्री मौजूद थे।
अगले साल राज्य में होने वाले चुनावों से पहले उन्हें लाकर पार्टी लीडरशिप ने सत्ता विरोधी माहौल और पटेल समुदाय की नाराजगी तो साधने का प्रयास किया है। हालांकि इस कोशिश में दिग्गज नेता और डिप्टी सीएम नितिन पटेल को नजरअंदाज किए जाने से फूट का डर भी बना हुआ था। शायद यही वजह थी कि सुबह ही भूपेंद्र पटेल पहले नितिन पटेल के घर पहुंचे और पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इसके बाद वह पूर्व सीएम विजय रूपाणी से भी मुलाकात के लिए पहुंचे। भूपेंद्र पटेल के शपथ समारोह में अमित शाह भी पहुंचे हैं। उनकी अगवानी के लिए भूपेंद्र पटेल और नितिन पटेल पहुंचे थे। नितिन पटेल के एयरपोर्ट पहुंचने से यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि ऑल इज वेल है। बता दें कि सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा रखने वाले पटेल पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के करीबी माने जाते हैं। आनंदीबेन 2012 में इसी सीट से चुनाव जीती थीं।
भूपेंद्र पटेल भी इससे पहले राज्य सरकार में मंत्री भी नहीं रहे, जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 साल पहले गुजरात का मुख्यमंत्री बनने से पहले कभी मंत्री नहीं रहे थे।
अगले साल राज्य में होने वाले चुनावों से पहले उन्हें लाकर पार्टी लीडरशिप ने सत्ता विरोधी माहौल और पटेल समुदाय की नाराजगी तो साधने का प्रयास किया है। हालांकि इस कोशिश में दिग्गज नेता और डिप्टी सीएम नितिन पटेल को नजरअंदाज किए जाने से फूट का डर भी बना हुआ था। शायद यही वजह थी कि सुबह ही भूपेंद्र पटेल पहले नितिन पटेल के घर पहुंचे और पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इसके बाद वह पूर्व सीएम विजय रूपाणी से भी मुलाकात के लिए पहुंचे। भूपेंद्र पटेल के शपथ समारोह में अमित शाह भी पहुंचे हैं। उनकी अगवानी के लिए भूपेंद्र पटेल और नितिन पटेल पहुंचे थे। नितिन पटेल के एयरपोर्ट पहुंचने से यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि ऑल इज वेल है। बता दें कि सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा रखने वाले पटेल पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के करीबी माने जाते हैं। आनंदीबेन 2012 में इसी सीट से चुनाव जीती थीं।
भूपेंद्र पटेल भी इससे पहले राज्य सरकार में मंत्री भी नहीं रहे, जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 साल पहले गुजरात का मुख्यमंत्री बनने से पहले कभी मंत्री नहीं रहे थे।