मुंबई। महानगर के साकीनाका इलाके हुए दुष्कर्म की घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। मुंबई के सह पुलिस आयुक्त विश्वास नांगरे-पाटिल ने बताया कि मुंबई शहर में 5,000 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और 7,000 कैमरे लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि शहर में 50 हजार से ज्यादा कैमरे काम कर रहे हैं। सोमवार को इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी।
इस अवसर पर बोलते हुए पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने कहा कि घटना की जानकारी मिलने के दस मिनट के भीतर ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) ने साकीनाका में एक महिला से बलात्कार और उसके बाद हुई मौत की पुलिस द्वारा त्वरित जांच पर संतोष व्यक्त किया है। आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हलदर ने इस मामले में राज्य सरकार को पूरा न्याय देने का भरोसा जताते हुए स्पष्ट किया कि इस घटना में राजनीति नहीं होनी चाहिए।
बैठक में गृह मंत्री दिलीप वलसे-पाटिल, मुख्य सचिव सीताराम कुंटे, पुलिस महानिदेशक संजय पांडेय, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव आशीष कुमार सिंह, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव, सामाजिक न्याय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरविंद कुमार, महिला एवं बाल कल्याण विभाग की सचिव आईएस कुंदन, पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले, संयुक्त पुलिस आयुक्त विश्वास नांगरे-पाटिल, मिलिंद भराम्बे मौजूद थे।
पीड़ित परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता: मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़िता के बच्चों की देखभाल की जाएगी। उन्होंने संबंधित विभागों को बच्चों की शिक्षा और पालन-पोषण के मामले में त्वरित कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए।
अनाथों, बेघर महिलाओं के लिए घरों पर विचार: इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष हलदर से अनुरोध किया कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार संयुक्त रूप से सड़कों पर रहने वाली बेघर और अनाथ महिलाओं के लिए घरकूल योजना शुरू करने पर विचार करें।
राजा ठाकरे की तत्काल नियुक्ति: मुख्यमंत्री ने तुरंत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक बैठक बुलाई थी और निर्देश दिया था कि मामला अदालत में जाने से पहले एक विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया जाए। वरिष्ठ वकील राजा ठाकरे को इस मामले लिए नियुक्त किया गया है।