मुंबई। पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने एंटीलिया केस में बर्खास्त API सचिन वझे को अपनी निज सहायक कुंदन शिंदे को 4.6 करोड़ रुपयों से भरे 16 बैग देने को कहा था। ये बैग राजभवन के पास दिए गए। ED की एक विशेष पीएमएलए कोर्ट में दायर चार्जशीट में इसका खुलासा हुआ है। जांच में पता चला है कि देशमुख के आदेश पर ही वझे ने यह वैसा कई कारोबारियों से वसूला था। चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि अनिल देशमुख ने सचिन वझे को सेवा में बहाल करने के लिए 2 करोड़ रुपए मांगे थे।
ED ने इस चार्जशीट में कई कंपनियों को आरोपी बनाया है। इनमें कुछ शैक्षणिक संस्थानों को चलाने वाले एक ट्रस्ट और नवी मुंबई की एक कंपनी भी शामिल है। यह कई कई सौ करोड़ की संपत्ति रखती है। इसके मालिक अनिल देशमुख के परिवार के लोग ही हैं। ED ने देशमुख के प्राइवेट सेक्रेटरी संजीव पलांडे और पीए शिंदे के खिलाफ भी चार्जशीट दायर की है। दोनों अभी जेल में बंद हैं। ED ने कोर्ट को बताया कि अनिल देशमुख और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ जांच जारी है। जैसे ही जांच पूरी होगी, बाकी लोगों के खिलाफ भी पूरक चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
ED ने कोर्ट को बताया कि अनिल देशमुख कई महीनों तक ईडी के समन से बचते रहे। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लुकआउट नोटिस जारी किया है। सूत्रों के अनुसार देशमुख जल्द गिरफ्तार भी हो सकते हैं। देशमुख ने अप्रैल में महाराष्ट्र के गृहमंत्री के पद से इस्तीफा दिया था। अनिल देशमुख पर मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने 100 करोड़ रुपए की वसूली के आरोप लगाए थे। शिकायत में कहा गया कि इसके लिए देशमुख ने पुलिस अधिकारियों पर दवाब बनाया। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। ईडी भी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जांच कर रही है। ईडी ने देशमुख के कई ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। परमबीर सिंह को मुकेश अंबानी के घर के बार विस्फोटक से लदी एक एसयूवी मिलने के मामले में संदिग्ध भूमिका के चलते हटाया गया था।