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Monday, November 25, 2024
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महाराष्ट्र की MVA सरकार में फूट! कांग्रेस नेता ने राज्यपाल को लिखी चिट्टी,CM उद्धव ठाकरे निशाने पर

महाराष्ट्र में बढ़ रहे महिलाओं के खिलाफ अपराध

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मुंबई। मुंबई कांग्रेस के महासचिव रहे, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सदस्य विश्वबंधु राय ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को पत्र लिख कर उनकी भूमिका का समर्थन किया है। अपनी ही सरकार पर आरोप लगाते हुए राय ने कहा कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ तेजी से अपराध बढे हैं और ठाकरे सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए परप्रांतियों पर ठिकरा फोड़ रही है। राज्यपाल को लिख पत्र की प्रति उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजी है। अपने पत्र में कांग्रेस नेता ने कहा है कि महाराष्ट्र में महिलाओं के प्रति बढ़ते रेप और हिंसा मामलों पर विधानसभा में विशेष चर्चा सत्र बुलाने का सुझाव अत्यंत सराहनीय है।

आप ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है, इसके लिए आभार व्यक्त करता हूँ। साकीनाका रेप कांड के बाद मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे ने अप्रत्यक्ष रूप से परप्रांतियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। एक बलात्कारी किसी भी धर्म, भाषा, जाति का हो, उसकी सजा सिर्फ फांसी होनी चाहिए। पिछले कुछ महीनों में मुंबई में महिलाओं के प्रति अपराध में 144 % बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2020 संपूर्ण महाराष्ट्र में रेप के 2061 मामले दर्ज हुए है। इसके अलावा कई मामले प्रतिदिन  हो रहे हैं। राय ने लिखा है कि साकीनाका कांड में मुंबई पुलिस कमिश्नर ने बेतुका बयान देतु हुए  कहा था कि पुलिस हर जगह नहीं सकती है। यह सीधे सीधे जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ना है। ऐसे गैर जिम्मेदार कमिश्नर पर भी कारवाई होनी चाहिए थी।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एक क्षेत्रीय पार्टी के अध्यक्ष भी हैं। इनका राजनीतिक सरोकार प्रांतवाद है। इसलिए साकीनाका रेप केस में सीधे सीधे परप्रांतियों को निशाना साधकर इन्होने खुद के वोट बैंक को संतुष्ट करने की कोशिश की है। किसी भी मुख्यमंत्री के द्वारा किसी अन्य राज्य के लोगों पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधना निंदनीय कार्य है। महाराष्ट्र के कुछ अन्य छोटे क्षेत्रीय दल भी ऐसी घटनाओं के एक दो अपराधियों के सामाजिक पृष्ठभूमि का सहारा लेकर पूरे परप्रांतीय समाज को निशाना बनाकर ओछी राजनीती करते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि कुछ महीने पहले एक महिला के आत्महत्या के मामले में शिवसेना के मंत्री को पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

क्या वो मंत्री भी परप्रांतीय था? जब मुख्यमंत्री जी किसी अपराध के ऊपर राजनीति करने लगेगें, तब प्रदेश की जनता निष्पक्ष न्याय के लिए किस पर निर्भर रहे? इसलिए आप को यह पत्र लिखना मुझे उचित लगा। उन्होंने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार के तथाकथित सेक्युलर नेतागण भी परप्रान्तीयों के अपमान पर चुप्पी साथ ली थी। ऐसा प्रतीत होता है कि परप्रांतीयों का अपमान महाविकास आघाड़ी सरकार के के कामन मिनिमम प्रोग्राम का हिस्सा बनाया जा है। अभी हाल में ही डोंबिवली व अन्य इलाकों में नाबालिग़ बच्ची के साथ रेप करने की घटना सभी को चिंतित कर दिया है। इस मामले सभी आरोपी किसी भी धर्म, भाषा व प्रदेश के हो, सबको कठोर सजा मिलनी चाहिए ।

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