नई दिल्ली। मोदी सरकार कोरोना काल में नौकरी गंवाने वाले कर्मचारियों को तीन महीने की सैलरी देगी। लेकिन यह लाभ उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा जो राज्य बीमा निगम के सदस्य होंगे। यह जानकारी श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने दी।
न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि उनका मंत्रालय कोरोना के चलते जान गंवाने वाले ECSI सदस्यों के स्वजन को आजीवन वित्तीय मदद भी मुहैया कराएगा। हालांकि, श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने इसके बारे में अभी विस्तार से कुछ नहीं बताया है। भूपेंद्र यादव ने कहा कि हर राज्य में ‘लेबर कोड’ तैयार करने का काम चल रहा है। नए लेबर कोड के कार्यान्वयन की प्रक्रिया जारी है। आपको बता दें कि श्रम से संबंधित 29 श्रम कानूनों को 4 कोड से बदल दिया गया है। इसके लागू होने के बाद कंपनियों में कामकाज से जुड़े नियमों में व्यापक बदलाव आएगा।
ऐसा माना जा रहा था कि 1 अक्टूबर से इस कोड को लागू कर दिया जाएगा, लेकिन इंतजार बढ़ता जा रहा है। भूपेंद्र यादव ने कहा कि सरकार का लक्ष्य ई-श्रम पोर्टल पर 38 करोड़ असंगठित श्रमिकों, जैसे निर्माण मजदूर, प्रवासी कार्यबल, स्ट्रीट वेंडर और घरेलू कामगारों को रजिस्टर्ड करना है। इसके लिए प्रयास जारी है। पोर्टल पर रजिस्टर्ड कामगार को एक ई-श्रम कार्ड जारी किया जाएगा। इस कार्ड में 12 अंकों का यूनिक नंबर होगा, जो आगे चलकर उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में शामिल करने में मदद करेगा। मालूम हो कि कोरोना काल नौकरी गंवाने वालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था।
हालांकि केंद्र सरकार ने प्राइवेट सेक्टर में जॉब करने वाले लोगों को कम्पनी द्वारा मदद करने की अपील की गई थी। सरकार ने प्राइवेट कि कंपनियों से कहा था कि अपने कर्मचारियों को पूरी सैलरी दें।