नई दिल्ली। लालू यादव को जेल की हवा खिलाने वाले आईएएस अधिकारी अमित खरे को मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी का सलाहकार नियुक्त किया गया। खरे 1985 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्हें पीएमओ में पीएम मोदी के सलाहकार के रूप में नियुक्ति दी गई है। बता दें कि खरे को दो साल के लिए नियुक्त किया गया है। खरे उन अधिकारियों में शामिल हैं जिन पर पीएम मोदी विश्वास करते है।
अमित खरे को एक अत्यधिक सक्षम और साफ अधिकारी की छवि वाला बताया जाता है. उन्होंने न केवल पीएम मोदी के निर्देशन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का दिशा दी, बल्कि डिजिटल मीडिया नियमों के संबंध में सूचना व प्रसारण मंत्रालय में महत्वपूर्ण बदलाव लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह पीएम मोदी के अधीन कुछ सचिवों में से एक थे, जिन्होंने एक समय में मानव संसाधन विकास के साथ-साथ सूचना और प्रसारण मंत्रालय में उच्च शिक्षा और स्कूल विभाग का नेतृत्व किया है।
बिहार-झारखंड कैडर के 1985-बैच के IAS अधिकारी खरे ने दिसंबर 2019 में शिक्षा मंत्रालय (उच्च शिक्षा विभाग) के सचिव का पदभार ग्रहण किया था। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को कैबिनेट द्वारा 29 जुलाई 2020 को अनुमोदित किया गया था। अमित खरे उस समय भी चर्चा में आए थे, जिस समय चारा घोटाले का पर्दाफाश किया था। उन्होंने चाईबासा उपायुक्त रहते हुए चारा घोटाले में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था। फिर इस मामले में एक-एक कई नेता व अधिकारी फंसते गए और उन्हें जेल पहुंचाया गया, जिसमें से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद का भी नाम शामिल है।
लालू प्रसाद आज सलाखों के पीछे हैं। बता दें पूर्व कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा और पूर्व सचिव अमरजीत सिन्हा के सलहाकार के रूप में पीएमओ छोड़ करा जाने के बाद अमित खरे की नियुक्ति की गई है। अमित खरे को राष्ट्रवादी सोच और पारदर्शी कार्य करने के लिए जाना जाता है।