देहरादून। उत्तराखंड में भारी बारिश ने तबाही मचा रखी है। कई जगहों भूस्खलन होने से लोगों को जान और माल से हाथ धोना पड़ा है। मंगलवार को कुमाऊं में हुई बारिश के कारण मलबे में दबकर अभी तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि एक अधिकारी के अनुसार दो दिनों एक तक 24 लोगों ने अपनी जान गंवाई है।
सचिव आपदा प्रबंधन एस ए मुरुगेशन के मुताबिक दो दिन में प्रदेश में अभी तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है। बाजपुर के गांव झाड़खंडी में गडरी नदी में बहे किसान रामदत्त भट्ट (45) का शव मिल गया है। शव घटना स्थल से करीब 200 सौ मीटर दूर से बरामद किया गया है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं, टनकपुर में भारी बारिश के बाद आए सैलाब में फंसे लोगों को निकालने के लिए सेना की मदद ली गई। इस दौरान रेस्क्यू दल ने करीब 65 लोगों को बचाया। अल्मोड़ा के भिकियासैंण में एक मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया। इस दौरान दो बच्चे मलबे में दब गए। जिनके शव बरामद कर लिए गए हैं। वहीं, अल्मोड़ा के ही एनटीडी क्षेत्र में एक मकान मलबे की चपेट में आ गया। इस दौरान एक मासूम की मौत हो गई।
वहीं, पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने दो लोगों को सुरक्षित निकल लिया। उधर, बाजपुर में लेवड़ा नदी उफान पर आ गई। जिससे मुख्य बाजार और कॉलोनियों में बाढ़ का पानी भर गया। पानी भरने से लोगों के घरों का सामान भी पूरी तरह खराब हो गया है। वहीं, बाजपुर में भी बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। कोसी नदी में पानी बढ़ने से रामनगर के गर्जिया मंदिर को खतरा पैदा हो गया।
पानी मंदिर की सीढ़ियों तक पहुंच गया है। वहीं बैराज के सभी फाटक खोल दिए गए हैं। कोसी बैराज पर कोसी नदी का जलस्तर 139000 क्यूसेक है। जो खतरे के निशान से काफी ऊपर है। कोसी बैराज में खतरे का निशान 80000 क्यूसेक है। नैनीताल में भारी बारिश से कई जगह पानी भर गया है। वहीं, तल्लीताल चौराहे में (डांठ) में लगभग दो इंच की दरार पड़ गई। नदी के ओवरफ्लो होने से कोसी नदी का पानी रामनगर-रानीखेत मार्ग स्थित लेमन ट्री रिजॉर्ट में घुस गया था। डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक इस दौरान लगभग 100 लोग फंस गए थे। वे सभी सुरक्षित हैं। ऋषिकेश में गंगा खतरे के निशान से महज 20 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। त्रिवेणी घाट के आरती स्थल समेत विभिन्न गंगा घाट जलमग्न हो गए हैं।