नई दिल्ली। दिल्ली में दिल्ली पुलिस के नारकोटिक्स दस्ते ने 6 किलो हेरोइन बरामद की है। जिसकी कीमत 18 करोड़ बताई जा रही है। आरोपी असीम और वरुण है। दोनों आरोपी ड्रग्स माफिया से जुड़े हुए हैं। जानकारी के अनुसार, असीम उत्तर प्रदेश के बरेली का का रहनेवाला है जो ड्रग्स माफिया यानी तैमूर खान उर्फ़ भोला के भाइयों और सलमान का काम करता है। वहीं, वरुण दिल्ली ड्रग्स माफिया दिनेश का सप्लायर है। पुलिस ने बताया कि ड्रग्स किंग भोला के गिरफ्तार होने के बाद उसे गुर्गे घर पर ही प्लांट डालकर ड्रग्स का कारोबार शुरू कर दिए।
पूछताछ से पता चला है कि ड्रग्स किंग तैमूर खान उर्फ भोला नौ मुकदमों में वांछित था और उसे दिल्ली पुलिस की नारकोटिक्स सेल ने सितंबर 2021 में सीलमपुर दिल्ली से गिरफ्तार किया था और उस पर 1.5 लाख रूपए का इनाम था। भोला ने एमीबीए किया हुआ है और वह MNC में काम करना चाहता था, लेकिन कुछ आर्थिक तंगी की वजह से उसने अपराध की राह पकड़ ली और ड्रग सप्लाई करने लगा। भोला कुछ जरुरतमंद लोगो की पैसो से मदद कर देता था, जिससे उसने अपनी छवि रॉबिनहुड के तौर पर बना ली थी लेकिन उसी छवि की आड़ में यह अपने गोरख धंदे को अंजाम देता था।
जब भी पुलिस भोला की तलाश में छापेमारी करती तो इसके द्वारा पाले हुए गुर्गे इसको पहले ही सूचना दे देते और यह फरार हो जाता। दिल्ली व आसपास के राज्यों में भारी मात्रा में ड्रग्स की सप्लाई करने वाला भोला गिरफ्तार होने के बाद उसके गुर्गे उसी काम में लग गए और ड्रग्स बनाने का नया तरीका ईजाद कर डाला और घर पर ही इसका प्लांट लगा दिया। ड्रग्स बनाने के लिए इस नए तरीके से तकरीबन 70 kg अफीम से 7.8 kg Morphin base और 3.9 kg सफ़ेद हेरोइन (हाइड्रोक्लोराइड) तैयार की जाती जो उच्च गुणवत्ता की हेरोइन होती है और इसे दिल्ली, UP, राजस्थान, हरियाणा इत्यादि राज्यों में छोटो छोटी खेप के रूप में सप्लाई किया जाता और उसके बाद नशे के कारोबारियों को बेच दिया जाता।
बाहरी उत्तरी जिला पुलिस ने जानकारी जुटाकर एक बड़ी योजना तैयार की, जिसे ऑपरेशन स्पाइडर नाम दिया गया। इस ऑपरेशन के तहत ड्रग उपयोग करने वाले,पकड़े जाने वाले और दूसरी तरफ से इसके सप्लायर के बारे में छोटी छोटी जानकारी एकत्र की जाती और इस तरह एक पूरा जाल बुना जाता और फिर सूचनाओ के आधार पर दबिश देकर अपराधियों को भारी मात्रा में ड्रग्स के साथ पकड़ लिया जाता।
जब भी पुलिस भोला की तलाश में छापेमारी करती तो इसके द्वारा पाले हुए गुर्गे इसको पहले ही सूचना दे देते और यह फरार हो जाता। दिल्ली व आसपास के राज्यों में भारी मात्रा में ड्रग्स की सप्लाई करने वाला भोला गिरफ्तार होने के बाद उसके गुर्गे उसी काम में लग गए और ड्रग्स बनाने का नया तरीका ईजाद कर डाला और घर पर ही इसका प्लांट लगा दिया। ड्रग्स बनाने के लिए इस नए तरीके से तकरीबन 70 kg अफीम से 7.8 kg Morphin base और 3.9 kg सफ़ेद हेरोइन (हाइड्रोक्लोराइड) तैयार की जाती जो उच्च गुणवत्ता की हेरोइन होती है और इसे दिल्ली, UP, राजस्थान, हरियाणा इत्यादि राज्यों में छोटो छोटी खेप के रूप में सप्लाई किया जाता और उसके बाद नशे के कारोबारियों को बेच दिया जाता।
बाहरी उत्तरी जिला पुलिस ने जानकारी जुटाकर एक बड़ी योजना तैयार की, जिसे ऑपरेशन स्पाइडर नाम दिया गया। इस ऑपरेशन के तहत ड्रग उपयोग करने वाले,पकड़े जाने वाले और दूसरी तरफ से इसके सप्लायर के बारे में छोटी छोटी जानकारी एकत्र की जाती और इस तरह एक पूरा जाल बुना जाता और फिर सूचनाओ के आधार पर दबिश देकर अपराधियों को भारी मात्रा में ड्रग्स के साथ पकड़ लिया जाता।