मिजोरम के मुख्यमंत्री पु जोरामथांगा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में एक रोचक तथ्य बताते हुए केंद्र के आदेश में बदलाव कर राज्य के मुख्य सचिव को बदले जाने की मांग की है। मिजोरम के सीएम जोरामथांगा ने पत्र में लिखा। ‘राज्य के मंत्रियों को हिंदी समझ में नहीं आती है और इनमें से कुछ को अंग्रेजी भी नहीं आती। ऐसे में राज्य के मुख्य सचिव को बदलने की जरूरत है क्योंकि उन्हें मिजो भाषा का ज्ञान नहीं है। सीएम ने अपने लेटर में एडीशनल चीफ सेक्रेटरी जेसी रामथांगा को रेणु शर्मा के स्थान पर नया मुख्य सचिव नियुक्त करने का आग्रह किया है।
सूत्रों के मुताबिक ‘चीफ सेक्रेटरी, गुजरात कैडर के लालुनमाविया चुआगो के रिटायरमेंट के बाद, मैंने अपने मौजूदा एडीशनल चीफ सेक्रेटरी जेसी रामथांगा को नया चीफ सेक्रेटरी बनाने का आग्रह किया था पर गृह मंत्रालय ने नए चीफ सेक्रेटरी के तौर पर रेणु शर्मा की नियुक्ति की है। ‘ रेणु AGMUT कैडर की 1988 बैच की आईएएस हैं और केंद्र ने 28 अक्टूबर को उनकी नियुक्ति की है और उन्हें 1 नवंबर को राज्य के चीफ सेक्रेटरी का कार्यभार संभाल लिया है। इसी दिन मिजोरम सरकार ने जेसी रामथांगा को एक नवंबर से चीफ सेक्रेटरी का कार्यभार संभालने का आदेश जारी किया था। इसके फलस्वरूप मिजोरम में अब दो चीफ सेक्रेटरी हैं।
सीएम जोरामथांगा ने अपने लेटर में लिखा, ‘ज्यादातर मिजो लोग हिंदी नहीं समझते. मेरी कैबिनेट का कोई मंत्री हिंदी नहीं समझ पाता. यहां तक कि कुछ को इंग्लिश भाषा में भी दिक्कत है. ऐसे में मिजो भाषा का कामकाजी ज्ञान नहीं रखने वाला चीफ सेक्रेटरी प्रभावी और कुशलता से काम नहीं कर पाएगा। ‘इसी तथ्य के चलते भारत सरकार ने इस राज्य के गठन के बाद से कभी भी ऐसे चीफ सेक्रेटरी को नियुक्त नहीं किया जिसे मिजो भाषा का ज्ञान नहीं हो. फिर चाहे केंद्र में यूपीए की सरकार होया फिर एनडीए की, यह व्यवस्था मिजोरम राज्य के गठन से जारी है। यह एक सर्वविदित तथ्य है कि देश में अन्य राज्य में भी, ऐसा चीफ सेक्रेटरी, जो बेसिक वर्किंग लेंग्वेज का ज्ञान नहीं रखता,तैनात नहीं किया जाता है।