तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने घोषणा की बाकी बचे कार्यकाल के लिए विधानसभा में प्रवेश नहीं करेंगे। वह सदन में तभी लौटेंगे जब फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे। बता दें कि शीतकालीन सत्र दौरान सत्ताधारी नेता द्वारा सदन में उनकी पत्नी पर अपमानजनक टिप्पणी किये जाने के बाद चंद्रबाबू ने यह घोषणा की।
इस दौरान चंद्रबाबू नायडू फूट-फूट कर रो रहे थे। शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर चर्चा के दौरान विधानसभा में चंद्रबाबू नायडू और उनकी पत्नी के खिलाफ की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी पर नाराजगी जताई। नायडू ने कहा कि उनकी पत्नी कभी भी राजनीति में शामिल नहीं हुई ,लेकिन उन्होंने मेरी पत्नी का अपमान करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि अपने राजनीतिक करियर में इतना बड़ा अपमान होते कभी महसूस नहीं किया था। “मैंने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव का सामना किया है। मैंने विधानसभा में सत्ताधारी और विपक्षी दलों के बीच कई बहसें देखी। लेकिन विपक्ष को इस तरह कुचलना गलत है।
नायडू ने इसकी तुलना महाभारत में कौरव सभा से की, जहां कौरवों ने पांडवों की पत्नी द्रौपदी का अपमान किया था। उन्होंने कहा कि, दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य यह है कि अध्यक्ष मूकदर्शक बने रहे, जबकि सत्ताधारी दल के सदस्य मेरी पत्नी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। इसलिए मैं बाकी बचे कार्यकाल में विधानसभा में नहीं आने का निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस सदस्यों के बीच वाकयुद्ध शुरू हुआ। तेदेपा विधायकों ने विपक्ष पर हमला बोल रहे वाईएसआरसीपी सदस्य अंबाती रामबाबू के भाषण को बीच में रोकने की कोशिश की। जब रामबाबू ने नायडू की पत्नी का जिक्र करते हुए कुछ अश्लील टिप्पणी की, तो टीडीपी सदस्यों ने इसका विरोध करते हुए मंच पर धावा बोल दिया और उनसे माफी मांगने की मांग की।
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