प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में शनिवार को सरयू नदी राष्ट्रीय परियोजना का उद्घाटन किया। इस परियोजना से उत्तर प्रदेश के 29 लाख किसानों को इससे लाभ होगा। लगभग 14 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि सिंचाई होगी। परियोजना के उद्घाटन कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मौजूद थे।
इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर हमला किया और दावा किया कि “उनकी मानसिकता” ने प्रमुख परियोजना पर काम रोक दिया है। उन्होंने 8 दिसंबर को तमिलनाडु में भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए तेरह लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना भी व्यक्त की।
पीएम मोदी ने कहा कि “भारत शोक में है ,लेकिन दर्द में होने के बावजूद, न तो हम अपनी गति को रोकते हैं और न ही अपने विकास को रोकते हैं। भारत नहीं रुकेगा। भारत का ठहराव नहीं होगा। हम भारतीय साथ मिलकर कड़ी मेहनत करेंगे और देश के अंदर और बाहर हर चुनौती का सामना करेंगे। ”
सरयू नहर राष्ट्रीय सिंचाई परियोजना को 9,800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार किया गया है। इसमें जल संसाधनों का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए पांच नदियों, घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा और रोहिणी को आपस में जोड़ना शामिल है। बताया जा रहा है कि इस परियोजना पर 1978 में काम शुरू हुआ था, लेकिन “बजटीय समर्थन की निरंतरता, अंतर-विभागीय समन्वय और पर्याप्त निगरानी की कमी” के कारण, इसमें देरी हुई और इससे पूरा नहीं किया जा सका।
2016 में इस परियोजना को जल्द ही पूरा करने के लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि सिंचाई योजना के तहत लाया था। इस परियोजना से उत्तर प्रदेश के बहराइच, महाराजगंज, श्रावस्ती, गोंडा,बलरामपुर,सिद्धार्थनगर,संत कबीर नगर,बस्ती, गोरखपुर और श्रावस्ती समेत पूर्वांचल के नौ जिलों के किसानों को लाभ होगा।
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