वसूली के आरोप में बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाज़े ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के उस आरोप का खंडन किया है, जिसमें यह कहा गया था कि अनिल देशमुख गृह मंत्री रहते हुए पुलिस अधिकारियों को मुंबई के होटल और बारों से 100 करोड़ रुपये वसूलने का आदेश दिया था। सचिन वाजे ने चांदीवाला आयोग के सामने कहा कि मुझे ऐसी किसी भी मांग की जानकारी नहीं है।
बता दें कि मंगलवार को सचिन वाजे न्यायमूर्ति कैलाश उत्तमचंद चांदीवाल आयोग के सामने पेश हुए। इस दौरान पूछताछ में वाजे ने कहा कि देशमुख या उनके सहयोगियों से होटल या बारों से वसूली के लिए ऐसी कोई मांग नहीं की गई थी। जब यह पूछा गया कि कि क्या देशमुख या किसी अन्य अधिकारी ने पैसे मांगे थे तो सचिन वाजे ने कहा कि किसी अधिकारी द्वारा ऐसी कोई मांग नहीं की गई थी।” क्या देशमुख या उनके कार्यालय के किसी व्यक्ति ने उन्हें बार मालिकों से वसूलने के लिए कहा था तो सचिन वाजे ने कहा कि इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। इस दौरान सचिन वाजे ने कहा कि उन्होंने जिन मामलों की जांच की उनमें गृह विभाग का कोई दखल नहीं था।
बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने पुलिस आयुक्त के पद से हटाए जाने के बाद सीएम को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख मुंबई के होटलों और बार, रेस्त्रां से हर महीने 100 करोड़ रुपए वसूले करने का आदेश बर्खास्त पुलिस अधिकारी वाजे को दिया था। सिंह ने यह भी आरोप लगाया था कि देशमुख और उनके कार्यालय ने कई जांच मामलों में दखल दिया था। इस आरोप के बाद अनिल देशमुख को गृह मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा था। परमबीर सिंह के आरोपों के आधार पर ईडी ने अनिल देशमुख के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। फिलहाल देशमुख जेल में हैं।
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