आंध्र के गुंटूर में स्थित जिन्ना टॉवर इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है| टॉवर के नाम बदलने को लेकर भाजपा प्रदेश इकाई की ओर मांग भी की जा रही है। प्रदेश इकाई ने कहा कि देश के लिए यह दुर्भाग्य का विषय है कि 75 वर्षों बाद भी टावर का जिन्ना नाम बदला गया है। इनके द्वारा इस टावर का नाम पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के नाम पर रखने की मांग उठाई गई थी। हालांकि, उस पर तिरंगा नहीं फहराया गया, लेकिन, उसे तिरंगे के रंग से रंग दिया गया। वहीं का कहना है कि भले टावर को तिरंगा के रंग से रंग दिया गया हो लेकिन नाम बदलने तक आंदोलन जारी रहेगा।
26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर हाथ में तिरंगा लिए हिंदू वाहिनी के सदस्यों को रोकने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग भी किया था। गौरतलब है कि इस मामले में भाजपा की आंध्र प्रदेश इकाई ने पिछले दिनों गुंटूर नगर निगम आयुक्त चल्ला अनुराधा को एक ज्ञापन भी सौंपा है।
भाजपा नेताओं ने मांग की थी कि सरकार को जिन्ना टावर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहिए और उसका नाम अब्दुल कलाम टॉवर रखना चाहिए। भाजपा जिलाध्यक्ष पी रामकृष्ण ने चेतावनी दी थी कि यदि समय रहते सरकार ने उचित कदम नहीं उठाया तो वे 5 फरवरी तक जिन्ना टावर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएँगे। बीजेपी नेताओं और हिंदू संगठनों की मांग और धमकी के बाद, जीएमसी ने टावर को सुरक्षा प्रदान करने के लिए जिन्ना टावर के चारों ओर लोहे की जाली लगाकर पुलिस चौकी बनाई दी गई थी।
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