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Friday, September 20, 2024
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‘सोशल मीडिया पर बिना हिजाब के वीडियो पर आपत्ति नहीं’, तो स्कूलों में क्यों?

गरीब छात्राओं ने बिना हिजाब के मुस्लिम छात्राओं द्वारा टिक टॉक और इंस्टाग्राम पर वीडियो डालने पर उठाये सवाल  

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हिजाब विवाद से गरीब छात्र-छात्राओं का कितना नुकसान हो रहा है यह न तो प्रशासन जानने की कोशिश कर रहा है और न ही वे जो हिजाब विवाद को जन्म दिए हैं। गरीब परिवार के बच्चे कैसे  दो रोटी खाकर स्कूल की डेहरी पर शिक्षा लेने आते हैं और उनके क्या सपने होते हैं यह इस वीडियो को देखने के बाद आप सभी को पता चल जायेगा।

कर्नाटक में उठे हिजाब विवाद अपनी चपेट में पूरी राज्य को ही ले लिया है। कर्नाटक में लगभग सभी स्कूल-कॉलेजों में यह विवाद पैर फैला चुका है। जिसकी वजह स्कूल -कॉलेज की पढ़ाई बाधित हो है। जो कोई स्कूल कॉलेज खुल रहे है भी तो उनमें हिजाब को लेकर कोई न कोई विवाद खड़ा ही रहता है। इन विवादों से बचने के लिए राज्य सरकार ने स्कूल-कॉलेज को बंद कर रखा है या आसपास धारा 144 लागू किया है। जिससे यहां के स्कूलों-कॉलेजों में एक अजीब सी कड़वाहट देखी जा रही है।

इस बीच कुछ बच्चियों का एक वीडियो व्यरल हो रहा है जिसमें ये कुछ ऐसा ऐसा सवाल उठा रही हैं कि बड़ों- बड़ों पसीने छूट जायेंगे उनके जवाब देने में। मीडिया के सामने गरीब बच्चियों ने जिस निर्भीकता के साथ अपनी बात कह रहीं वह काबिल तारीफ है। बच्चियों ने सवाल उठाया है कि मुस्लिम लड़कियों को स्कूल-कॉलेज में ही हिजाब पहनने  की क्यों इजाजत चाहिए ? जब वे इंस्टाग्राम अन्य सोशल मीडिया पर जब अपने वीडियो डालती हैं तो उस समय वे हिजाब नहीं पहनी होती हैं। तो क्यों केवल स्कूल -कॉलेज में  हिजाब पहनकर आने या पहने रहने की मांग  कर रही हैं।

 

ये बच्चियां यहीं नहीं रूकती है,अपनी बात बहुत ही तर्क के साथ रखती है। साथ ही ये बच्चियां अपनी पढ़ाई ख़राब होने पर भी चिंता जाता रहीं है। उनका कहना है हिजाब विवाद की वजह से स्कूल कॉलेज बंद हैं जिसे उनकी पढ़ाई ख़राब हो रही है। जिससे उनका भविष्य अंधकारमय लग रहा है। एक छात्रा कह रही है कि अगर मुस्लिम लड़कियों को पढ़ाई से प्रेम है तो उन्हें हिजाब के बिना ही स्कूल आना चाहिए। अगर वे सब ऐसा नहीं कर रहीं हैं तो वे केवल हंगामा खड़ा करना चाहती हैं।

एक अन्य छात्रा का कहना है कि जब इन मुस्लिम छात्राओं को सोशल मीडिया यानी इंस्टाग्राम या टिकटॉक पर बिना हिजाब के वीडियो डालती हैं तब इन्हें कोई समस्या नहीं आती है। लेकिन इन्हे तो केवल स्कूल-कॉलेज में ऐसे विवाद खड़ा करना है जिससे हम गरीब लड़कियों की पढ़ाई ख़राब हो रही है।

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