कर्नाटक में हिजाब विवाद को लेकर हाईकोर्ट में से सुनवाई की गयी है। तीन जजों की खंडपीठ द्वारा मामले की सुनवाई की जा रही है। मामले की सुनवाई शुरू करते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एडवोकेट जनरल महाधिवक्ता से पूछा कि क्या संस्थानों में हिजाब पहनने की अनुमति दी जा सकती है या नहीं। इस पर महाधिवक्ता ने जवाब दिया कि सरकार का आदेश इस संबंध में निर्णय लेने की जिम्मेदारी संस्थानों पर छोड़ देता है। उन्होंने ने कहा कि सरकार का आदेश संस्थानों को ड्रेस तय करने की स्वतंत्रता देता है। कर्नाटक शिक्षा अधिनियम की प्रस्तावना धर्मनिरपेक्ष वातावरण को बढ़ावा देना है। उनका कहना है कि राज्य का रुख यह है कि किसी धार्मिक पहचान वाले कपड़े को स्कूल में नहीं पहनना चाहिए।
गौरतलब है कि इससे पहले गत शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कर्नाटक सरकार की ओर से एटॉर्नी जनरल प्रभुलिंग नवदगी ने बेंच के सामने अपनी दलील पेश की, लेकिन कोर्ट में किसी तरह का फैसला नहीं हो सका। कर्नाटक हिजाब विवाद पर कोर्ट के फैसले का हर किसी को इंतजार है। इसी बीच राज्य के शिवमोगा में रविवार को बजरंग दल के एक कार्यकर्ता की चाकू गोदकर पर हत्या कर दी गई है। 26 साल के बजरंग दल कार्यकर्ता का नाम हर्षा है। हत्या के बाद शिवमोगा जिले में तनाव काफी बढ़ गया है। जिसके बाद शहर की सुरक्षा काफी बढ़ा दी गई है।
पुलिस इसे हिजाब विवाद से भी जोड़कर देख रही है, क्योंकि हर्ष ने अपने फेसबुक प्रोफाइल पर हिजाब के खिलाफ और भगवा शाल के समर्थन में पोस्ट किया था। हालांकि, पुलिस ने मामले की जांच में लगी हुई है। कर्नाटक के कलबुर्गी में कांग्रेस नेता मुकर्रम खान के खिलाफ IPC की धारा 153 (A), 298 और 295 के तहत केस दर्ज किया गया। वायरल वीडियो में मुकर्रम खान यह कहते हुए दिखाई दिए हैं कि हिजाब का विरोध करने वालों को टुकड़ों में काट दिया जाएगा।
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