मुंबई के पुलिस कमिश्नर संजय पांडे ने पदभार संभालने के तुरंत बाद कुछ अहम फैसले लिए|उन्होंने फेसबुक के माध्यम से नागरिकों के साथ संवाद करने, नियमों का पालन करने पर टोइंग वाहनों को रोकने, सड़क के विपरीत दिशा में वाहन चलाने पर नोटिस दर्ज करने जैसे कई निर्णय लिए और परिणामस्वरूप, मुंबईकरों ने तालियों की बौछार की और उनका कटाक्ष भी किया।
मुंबई कमिश्नर ने ट्वीट कर कहा कि, कुछ अपवादों को छोड़कर, मुंबईकरों को पासपोर्ट सत्यापन के लिए पुलिस स्टेशन नहीं बुलाया जाना चाहिए। उसके बाद नेटिज़न्स (इंटरनेट प्रयोग करने वाला समुदाय) ने संजय पांडे की प्रशंसा की। नेटिज़न्स ने कहा, “हम इस तरह के त्वरित बदलावों के अभ्यस्त नहीं हैं।”
#PassportVerification. We have decided no citizen will be called to police station in Mumbai except in exceptional cases of documents being incomplete etc. If not followed do report🙏
— Sanjay Pandey (@sanjayp_1) March 12, 2022
शनिवार को एक ट्वीट में संजय पांडे ने कहा, “हमने पासपोर्ट को सत्यापित करने का फैसला किया है और अधूरे दस्तावेजों जैसे असाधारण मामलों को छोड़कर मुंबई के किसी भी नागरिक को पुलिस स्टेशन नहीं बुलाया जाएगा।” इस प्रकार की घटना यदि होती है तो आप इसकी शिकायत मुझसे कीजिये| इसके बाद नागरिकों द्वारा उनसे सवाल भी किये गए, जिसका उत्तर उन्होंने दिया|
इसके बाद खुश हुए नेटिज़न्स, कहा की इतने कम समय में बदलाव के अभ्यस्त नहीं हैं” थोड़ा सांस तो लेने दो सर”| किसी ने कहा, ‘सर आप अभी कहाँ थे?’ क्या आपके कार्यकाल को बढ़ाने के लिए याचिका का कोई प्रावधान है? ऐसा सवाल एक नेटिजन ने भी किया है। संजय पांडे के इस फैसले के बाद कई लोगों ने पासपोर्ट वेरिफिकेशन के दौरान अपने अनुभव साझा किए| नागरिकों ने संबंधित अधिकारियों और लंबी कतार जैसे कई अनुभव भी साझा किए।
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