महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार में अल्पसंख्यक मंत्री की याचिका मुंबई उच्च न्यायालय ने ठुकरा दी है| नवाब मलिक ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया था| बॉम्बे हाई कोर्ट ने नवाब मलिक की यह दलील को स्वीकार नहीं किया और यह कहा कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं|
इससे पहले मुंबई की पीएमएलए कोर्ट भी नवाब मलिक की यह दलील ठुकरा चुकी है कि उनके खिलाफ राजनीतिक वजहों से कार्रवाई की जा रही है| अब यह माना जा रहा है कि नवाब मलिक सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे| नवाब मलिक को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के केस में 23 फरवरी को गिरफ्तार किया था| उन पर दाउद इब्राहिम और मुंबई बम ब्लास्ट से संंबंधित लोगों से जमीन खरीदने का आरोप है|
नवाब मलिक फिलहाल मुंबई के आर्थर रोड जेल में बंद हैं| उन्होंने याचिका दायर कर अदालत से अपील की थी कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है इस लिए उन पर दर्ज केस को रद्द किया जाए और उन्हें अंतरिम जमानत दी जाए|
विधानसभा में विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस ने 9 नवंबर 2021 को नवाब मलिक पर दाऊद इब्राहिम और मुंबई बम ब्लास्ट से संबंधित लोगों के खिलाफ जमीन का सौदा करने के आरोप लगाए थे| उन्होंने दावा किया था कि इस सौदे में जो महिला जमीन की मालकिन थी उन्हें एक रुपया नहीं दिया गया| बल्कि उस महिला से पॉवर ऑफ अटॉर्नी सरदार शाह वली खान और सलीम पटेल के नाम ट्रांसफर की गई| ये दोनों दाउद इब्राहिम और मुंबई बम ब्लास्ट से संबंधित रहे हैं| इसके बावजूद नवाब मलिक ने अपने बेटे फराज मलिक के नाम पर इनसे जमीन कौड़ियों के मोल खरीदी|
फडणवीस का दावा है कि 300 करोड़ की जमीन मलिक ने 30 लाख रुपए में डील की और उसमें भी सिर्फ 20 लाख रुपए अदा किए| बदले में दाउद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर को 55 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए| देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया है कि इस सौदे के बाद मुंबई में तीन धमाके और हुए| यानी इस सौदे से जुड़ा पैसा टेरर फंडिंग के लिए इस्तेमाल हुआ|
यह भी पढ़ें-
High Court Verdict: हिजाब इस्लाम का हिस्सा नहीं, स्कूल यूनिफॉर्म सही