इतिहास से सबसे ख़राब आर्थिक संकट से गुजर रहे श्रीलंका के लिए भारत संकट हर्ता बनकर सामने आया है| ईंधन, रसोई गैस के लिए लंबी कतारें, आवश्यक वस्तुओं की कम आपूर्ति और बिजली की लंबी कटौती के कारण श्रीलंका में अशांति पैदा हो गई है|
श्रीलंका में भारत ने इस वर्ष जनवरी से अब तक श्रीलंका को 250 करोड़ डॉलर यानी करीब 19 हजार करोड़ रुपये की आर्थिक मदद भेज चुका है| उन्होंने कहा कि भारत, श्रीलंका की मदद के लिए मुस्तैदी से खड़ा हुआ है|
India has responded to urgent requests from Sri Lanka with promptness. Since January this year, support from India to Sri Lanka exceeds US dollars 2.5 billion: India's High Commissioner to Sri Lanka, Gopal Baglay to ANI
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— ANI (@ANI) April 3, 2022
ज्ञात हो कि शनिवार को ही भारत ने आर्थिक और ऊर्जा संकट से जूझ रहे श्रीलंका की जरूरतों की पूर्ति के लिए भारत से 40 हजार मीट्रिक टन डीजल की एक खेप श्रीलंका पहुंचाई| भारत की ओर से इस तरह की यह चौथी मदद है| इन चार खेपों में 150,000 मीट्रिक टन से ज्यादा जेट फ्यूल, डीजल और पेट्रोल श्रीलंका पहुंचाया गया है|
गौरतलब है कि भारत ने श्रीलंका को 1 अरब डॉलर की क्रेडिट लाइन यानी ऋण सहायता देने पर सहमति जताई है| इससे श्रीलंका को अनिवार्य वस्तुओं की कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी| भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है| ऐसे में भारत से चावल की खेप श्रीलंका पहुंचने के बाद वहां चावल की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है जो बीते एक वर्ष में दोगुना बढ़ चुकी हैं| आर्थिक संकट को दूर करने के लिए श्रीलंका की अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ भी चर्चा कर रहा है|
इस बीच लंदन के मौलिक अधिकारों की मानिटरिंग करने वाले एमनेस्टी वाचडाग ने श्रीलंकाई सरकार को चेताया कि जनता की सुरक्षा के नाम पर देश में इमरजेंसी की घोषणा मानवीय अधिकारों के उल्लंघन का बहाना नहीं बनना चाहिए| बता दें कि श्रीलंका में देशव्यापी कर्फ्यू का ऐलान किया गया है, जो शनिवार सुबह 6.00 बजे से लेकर सोमवार सुबह 6.00 बजे तक रहेगा| श्रीलंका में गंभीर बिजली संकट के साथ महंगाई चरम पर है|
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