पीके यानी प्रशांत किशोर को झटका लगा है या कांग्रेस को यह कहना मुश्किल है। लेकिन, यह साफ है कि पीके की महत्वाकांक्षा ही है कि उन्हें ‘दर-दर की ठोकरें’ ‘सियासी दरवाजे’ पर दस्तक देनी पड़ रही है। महीने भर से कांग्रेस और प्रशांत किशोर की प्लानिंग मीडिया में चर्चा का विषय रहे। यह भी कहा जाने लगा था कि पीके की कांग्रेस में एंटी हो चुकी है केवल बस एलान करना बाकी है। हालांकि, यह सब मीडिया की केवल सुर्खियां बनता रहा और प्रशांत किशोर की एक बार फिर कांग्रेस से डील टूट गई। जिसकी घोषणा खुद पीके ने ही एक ट्वीट कर दी। अब इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं।
कहा जा रहा है कि प्रशांत किशोर ने जो कांग्रेस को सियासी उभार के लिए प्लान दिया था। वह गांधी परिवार को चुनौती देने वाला था। जिसकी वजह से इस प्लान पर कोई सहमत नहीं हुआ। बताते चलें कि, प्रशांत किशोर द्वारा दिए गए प्रेजेंटेशन के बाद सोनिया गांधी ने एम्पावर्ड एक्शन 2024 ग्रुप बनाया था। जिसमें प्रशांत किशोर को इसमें बड़ी जिम्मेदारी देने की बात कही गई थी। लेकिन,पीके ने इसे इंकार कर दिया। यह भी कहा जा रहा है कि पीके पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी चाहते थे लेकिन कांग्रेस के इंकार के बाद यह ‘डील’ आगे नहीं बढ़ सका। बताया जा रहा है कि पीके के प्लान के हिसाब से कांग्रेस की कमान किसी गैर गांधी को सौंपने का खाका है। लेकिन , गांधी परिवार और अन्य कुछ कोंग्रेसी नेता इससे सहमत नहीं हैं।
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