महाराष्ट्र की नई शिंदे सरकार द्वारा बहुमत साबित करने के लिए विधानमंडल का दो दिवसीय अधिवेशन 2 और 3 जुलाई को बुलाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाली शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) को झटका लगा है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने यह कह कर इस याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया की सभी मामलों की सुनवाई 11 जुलाई को ही होगी। शिंदे गुट के 16 विधायकों को अपात्र ठहराने के महाराष्ट्र विधानसभा उपाध्यक्ष के फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पहले से सुनवाई हो रही है जिसकी अगली तारीख 11 जुलाई है।
गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 2 व 3 जुलाई को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला लिया था। सत्र के पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। समझा जा रहा है की विधान सभा का नया अध्यक्ष विस उपाध्यक्ष नर हरी झिरवाल के फैसले को पलट देगा जिससे सुप्रीम कोर्ट में बागी विधायको की सदस्यता समाप्त करने वाले मुकदमे का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा है की ’मेरे पास 170 विधायकों का बहुमत है।’ इस लिए शक्ति परीक्षण में पास होने में इस शिंदे सरकार को कोई दिक्कत नहीं होगी। विधानसभा अध्यक्ष का नाम तय करने के लिए शुक्रवार की शाम भाजपा विधायको की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में नए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा।
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