विधायकों के बाद अब शिवसेना के सांसदों के बगावत से डरे शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि वे दो दिनों में भाजपा की राष्ट्रपति की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन को लेकर फैसला करेंगे। मंगलवार को उद्धव के निजी आवास मातो श्री पर बुलाई बैठक में शिवसेना सांसदों ने विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिंहा की बजाय भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए उम्मीदवार मुर्मू को समर्थन देने की मांग।
शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इस माह होने वाले राष्ट्रपति चुनाव पर चर्चा के लिए सोमवार को बैठक बुलाई थी। पार्टी के कुछ सांसदों ने पूर्व में पार्टी नेतृत्व से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की अपील की थी। गौरतलब है कि शिवसेना एनडीए की सहयोगी होते हुए पूर्व में कांग्रेस नेता प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी को समर्थन दे चुकी है। पिछले सप्ताह पार्टी सांसद राहुल शेवाले और राजेंद्र गावित ने ठाकरे को पत्र लिखकर मुर्मू को समर्थन देने का अनुरोध किया था।
नहीं पहुुुुचे ये पांच सांसद: इस बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सांसद बेटे श्रीकांत शिंदे के अलावा भावना गवली, संजय जाधव, हेमंत पाटील और कृपाल तुमाने नहीं पहुंचे। इसे शिवसेना के सांसदों में बगावत की शुरुआत मानी जा रही है। खबर है कि 18 में से 12 शिवसेना सांसद पार्टी से अलग होकर शिंदे गुट में शामिल हो सकते हैं।
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