हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का हवाला देते हुए चीन ने रविवार को एक बड़ा फैसला लिया। इसके तहत उसने पूर्व विपक्षी राजनेताओं और हाई-प्रोफाइल पत्रकारों को हिरासत में लिया है। यही नहीं चीन ने अन्य लोगों की स्वतंत्रता पर भी अंकुश लगा दिया है।
वही, हांगकांग में कई लोग यह कानून लगने के बाद से अपने आजादी का हनन मान रहे हैं। इस बीच बीजिंग समर्थक खेमे के कई लोग और प्रवासी व्यवसायी दावा करते हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू होने के बावजूद उनका जीवन पहले जैसा ही रहा है।
बता दें कि चीन ने 30 जून, 2020 को हांगकांग पर एक राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया था। समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार, एशिया निक्केई में लिखते हुए, पैट्रिक पून ने कहा कि हांगकांग और चीनी अधिकारियों ने नए कानून के दायरे को सीमित नहीं किया है, जिसने उन्हें लोगों की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करने की अनुमति दी है।
इससे पहले चीन और हांगकांग में सार्वजनिक और निजी तौर पर मानवाधिकारों के बारे में बात कर सकते थे। विश्वविद्यालयों में इस तरह की बातचीत होना पहले आम बात थी। हालांकि, अब लोग राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के कारण ऐसी किसी भी गतिविधि को आयोजित करने से बचने की कोशिश करते हैं|
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