आज़ादी के अमृत वर्ष में भारत आज ठीक उसी मोड़ पर आकर खड़ा हो गया है जहां इतिहास में लंबे समय तक अज्ञात व समाज से कटे रहे आदिवासी समाज की महिला को देश की राष्ट्रपति बनाने का निर्णायक फैसला लिया है। यह न सिर्फ आदि संस्कृत ग्रंथों में कही गई अत्विका अर्थात् आदिवासी समुदाय के लिए सम्मान का विषय है बल्कि संपूर्ण भारत वर्ष के लिए गौरव की बात है। मतलब हम द्रुत गति से गुलामी की विभेदकारी व्यवस्था की बेड़ियों को तोड़ने की दिशा में बढ़ चले हैं। #droupadimurmuvsyashwantsinha #presidentelection2022 #modisarkar