महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सरकार के गठन के बाद आखिरकार चालीस दिनों के अंतराल में मंगलवार को कैबिनेट मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। बीजेपी और शिंदे गुट के नौ -नौ विधायकों को मंत्री बनाया गया। इन 18 विधायकों को राजभवन में मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। ख़बरों के मुताबिक शपथ ग्रहण करने वाले विधायकों को कैबिनेट का दर्जा दिया गया हैं। परन्तु इस मंत्रिमंडल विस्तार में निर्दलीय विधायकों को मौका नहीं मिला। इसके साथ ही इस मंत्रिमंडल विस्तार में महिलाओं को भी कोई स्थान नहीं मिला। एक तरह से शिंदे सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार पुरुषप्रधान मंत्रिमंडल कहा जा सकता है।
जानते हैं शिंदे और बीजेपी खेमे के मंत्रियों का नाम
मंत्रिमंडल विस्तार में शिंदे गुट: दादा भुसे- दादा भूसे शिवसेना कोटे से महाविकास आघाडी सरकार में कृषि मंत्री थे। इस बार भी उन्हें शिंदे सरकार में मंत्री पद का अवसर मिला। बता दें कि भूसे मालेगांव आउटर से विधायक हैं।
संदीपान भूमरे- भूमरे महाराष्ट्र के औरंगाबाद के पैठण से विधायक हैं। महाविकास अघाड़ी सरकार में मंत्री थे।
उदय सामंत- सामंत महाराष्ट्र की रत्नागिरी विधानसभा सीट से विधायक हैं। महाविकास अघाड़ी सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री थे।
तानाजी सावंत- सावंत महाराष्ट्र सोलापुर जिले से शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता है। वो परांडा विधानसभा सीट से विधायक हैं। इससे पहले ये जलसंवर्धन मंत्रालय की कमान संभाल चुके हैं। दीपक केसरकर- ये शिंदे गुट के विधायक हैं। इनका चुनाव सावंतवाड़ी विधानसभा सीट से हुआ है। महाविकास अघाडी सरकार के समय केसरकर गृहराज्य मंत्री भी रह चुके हैं।
शंभुराजे देसाई- शिंदे गुट के विधायक देसाई इससे पहले महाविकास अघाडी सरकार में राज्यमंत्री रह चुके हैं।
अब्दुल सत्तार- अब्दुल महाविकास अघाडी सरकार में राजस्व विभाग के राज्य मंत्री का पदभार संभाल चुके हैं। इसके पहले कांग्रेस की सरकार में ये पशु संवर्धन मंत्री थे।
गुलाबराव पाटिल- जलगांव ग्रामीण से विधायक गुलाब राव पाटिल उर्फ़ गुलाब भाऊ महाविकास अघाडी सरकार में जलापूर्ति मंत्री रह चुके हैं।
संजय राठौड़- राठौड़ राज्य के यवतमाल से विधायक हैं। महाविकास अघाड़ी सरकार में महाराष्ट्र के वनमंत्री थे। पूजा चव्हाण मौत मामले में इन्हें अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी।
बीजेपी मंत्रिमंडल: राधाकृष्ण विखे पाटील- पाटील शिर्डी के विधायक हैं। 2019 में बीजेपी में शामिल हुए थे। महाविकास अघाड़ी की सरकार में मंत्री भी रह चुके है। अहमदनगर की राजनीति में इनका खासा दबदबा है।
सुधीर मुनगंटीवार- बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं और राज्य के पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं। साथ ही महाराष्ट्र बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 1995 में पहली बार चंद्रपुर के विधायक बने थे।
चंद्रकांत पाटिल- बीजेपी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में काम कर चुके हैं। इससे पहले वो राजस्व मंत्री भी रह चुके हैं।
विजय कुमार गावित- नंदुरबार विधानसभा सीट से विधायक हैं। 2009 और 2014 में नंदुरबार से जीते थे। 2014 में एनसीपी के टिकट पर विधायक बने थे। इससे पहले भी वो 1995 से विभिन्न सरकारों में मंत्री पद संभाल चुके हैं।
गिरीश महाजन- उत्तर प्रदेश से बीजेपी के बड़े और वरिष्ठ नेता हैं। इन्हें बीजेपी के संकट मोचन के नाम से भी जाना जाता हैं। गुर्जर समाज सेवा के नेता रह चुके है। फडणवीस के करीबियों में इनका नाम शुमार हैं। इससे पहले गिरीश जलसंपदा मंत्री भी रह चुके हैं।
अतुल सावे- औरंगाबाद के पूर्व विधानसभा सीट से विधायक हैं।
मंगलप्रभात लोढ़ा- लोढ़ा ग्रुप के सर्वेसर्वा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ता और मुम्बई बीजेपी के अध्यक्ष भी हैं।
सुरेश खाड़े- खाड़े लगातार तीन बार सांगली के मिरज विधानसभा सीट से विधायक हैं। इससे पहले खाड़े सामाजिक न्याय मंत्री भी रह चुके हैं।
रविंद्र चव्हाण- वर्तमान में डोम्बिवली के विधायक हैं। चव्हाण 2009 से लगातार तीन बार विधायक बने हैं। इसके पहले भी कई बार मंत्री रह चुके हैं।
खबर में कहा जा रहा है कि मंत्रीपद न मिलने पर नाराज विधायकों से एकनाथ शिंदे ने सह्याद्री गेस्ट हाउस में मीटिंग की हैं। सीएम इन सभी लोगों की नाराजगी को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। मानसून सत्र जल्द ही होनेवाला है। इसको ध्यान में रखते हुए 18 सदस्यों को शपथ दिलाई गई। शिवसेना से अलग होकर शिंदे गुट में शामिल सभी विधायकों को पद दे पाना संभव नहीं। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर शिंदे ने 1 महीने में सात बार दिल्ली का दौरा किया। जिसके बाद इन 18 नामों पर सहमति बनी।
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