महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के बाद शिंदे समूह और शिवसेना के बीच सिंबल को लेकर विवाद चल रहा है। एकनाथ शिंदे समेत 40 विधायकों के बागी होने के बाद से शिवसेना शिवसेना के अस्तित्व पर भी संकट मंडराने लगा है| शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच मूल शिवसेना किसकी है? और किसका धनुष बाण? इसको लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। मामला अब सुप्रीम कोर्ट में चला गया है। साथ ही चुनाव आयोग ने शिवसेना के ठाकरे और शिंदे समूह पर आरोप लगाया है। इस संबंध में प्रणाम प्रस्तुत करने को कहा गया है।
शिंदे और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के चल रहे विवाद को लेकर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने धनुष-बाण चिन्ह को लेकर एक बड़ा बयान दिया है| उन्होंने कहा कि यदि बागी विधायक अलग स्टैंड लेना चाहते हैं, तो वे एक अलग पार्टी बना सकते हैं और एक अलग चुनाव चिन्ह पर फैसला कर सकते हैं। बारामती में एक प्रेस कांग्रेस के दौरान उन्होंने बयान दिया है कि यदि कोई किसी न किसी वजह का हवाला देकर विवाद बढ़ा रहा है तो लोग उनका समर्थन नहीं करेंगे|
सुप्रीम कोर्ट में धनुष-बाण चिह्न को लेकर चल रहे विवाद के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा, “धनुष और बाण शिवसेना का प्रतीक है। यह प्रतीक बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित किया गया था और उनके विचारों से अपनाया गया था। इसलिए किसी राष्ट्रीय दल के चुनाव चिह्न को हटाना और उस पर बहस पैदा करना उचित नहीं है। अगर एकनाथ शिंदे और बागी विधायक अलग स्टैंड लेना चाहते हैं, तो वे निश्चित रूप से अपनी पार्टी को वापस ले सकते हैं और अपने लिए एक अलग चुनाव चिन्ह चुन सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस से भी मेरे मतभेद थे। उसके बाद हमने राकांपा नाम से एक अलग पार्टी बनाई और एक अलग चिन्ह ‘घड़ी’ लिया। हमने उनसे कोई संकेत नहीं मांगा या कोई तर्क नहीं दिया। लेकिन अगर कोई किसी बहाने से विवाद बढ़ा रहा है तो लोग उसका समर्थन नहीं करेंगे।
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