अरुणाचल प्रदेश में तवांग के यांग्त्से सीमा क्षेत्र में पिछले शुक्रवार (9 दिसंबर) को चीनी सैनिकों के साथ मुठभेड़ में कई भारतीय सैनिकों के घायल होने की खबरें सामने आने के बाद कांग्रेस ने इस मामले पर चर्चा की मांग की है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि इस मामले पर संसद में चर्चा के जरिए देश को भरोसे में लेने की जरूरत है|
Again our Indian Army soldiers have been provoked by the Chinese.
Our jawans fought in a resolute manner and a few of them have been injured too.
We are one with the nation on the issues of National Security and would not like to politicize it. But Modi Govt
should be honest..
1/— Mallikarjun Kharge (@kharge) December 12, 2022
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्विटर पर इस मुद्दे पर टिप्पणी की है। “एक बार फिर चीनी और भारतीय सैनिक भिड़ गए। हमारे जवानों ने बहादुरी से इसका सामना किया। इसमें कुछ जवान घायल हो गए। हम राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर एक देश के रूप में एकजुट हैं। इस पर कोई राजनीति नहीं की जाएगी। लेकिन मोदी सरकार को प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर चीन की घुसपैठ के बारे में स्पष्ट रूप से सूचित करने की जरूरत है और अप्रैल 2020 से चीनी पक्ष में निर्माण शुरू हो गया है।”
उन्होंने कहा, ‘सरकार के लिए यह जरूरी है कि वह संसद में इस मुद्दे पर चर्चा करे और देश को भरोसे में ले। खड़गे ने कहा, हम अपने जवानों की बहादुरी और बलिदान के लिए उनके आभारी हैं।
भारतीय सेना के शौर्य पर हमें गर्व है।
सीमा पर चीन की हरकतें पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं।
पिछले दो साल से हम बार-बार सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार केवल अपनी राजनीतिक छवि को बचाने के लिए इस मामले को दबाने में लगी है। इससे चीन का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) December 12, 2022
उधर, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर ट्विटर पर मामले को दबाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है| “हमें भारतीय सेना की बहादुरी पर गर्व है। मोदी सरकार अपनी राजनीतिक छवि बचाने के लिए ही इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है|इस वजह से चीन की मुश्किलें बढ़ गई हैं।”
अरुणाचल में चीन-भारत की सेना में झड़प, दोनों ओर से सैनिक घायल