पूर्व विधायक व माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को कोर्ट ने गुरुवार को 10 साल कैद की सजा सुनाई है। पूर्व विधायक अंसारी को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई है। इनमें एक कॉन्स्टेबल रघुवंश सिंह और गाजीपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सहित अन्य की हत्या शामिल है। मुख्तार अंसारी और भीम सिंह को गैंगस्टर एक्ट के तहत दोषी करार देने के बाद कोर्ट ने गुरुवार को सजा सुनाई।
विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ 1996 में दर्ज गैंगस्टर मामले में कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाया| गाजीपुर की विशेष एमपीएमएलए कोर्ट ने दोपहर करीब ढाई बजे फैसला सुनाया है। हालांकि फैसले के वक्त मुख्तार अंसारी कोर्ट में मौजूद नहीं थे| मुख्तार अंसारी को ईडी की हिरासत में होने और सुरक्षा कारणों से गाजीपुर कोर्ट नहीं भेजा गया था। इसलिए प्रयागराज स्थित ईडी ऑफिस में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का इंतजाम किया गया था|
1996 में मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था| अंसारी के खिलाफ पांच अपराधों के आधार पर यह कार्रवाई की गई। इन पांचों मामलों में कांग्रेस नेता अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय हत्याकांड और एडिशनल एसपी पर जानलेवा हमला भी शामिल है|
इस मामले में कोर्ट ने 26 साल बाद सजा सुनाई है। किसी भी मामले में मुख्तार अंसारी को पहली बार सजा मिली है| गाजीपुर में अवधेश राय की हत्या, कांस्टेबल राजेंद्र सिंह की हत्या, कांस्टेबल रघुवंश सिंह की हत्या, एडिशनल एसपी पर हमले और पुलिस पर हमले को एक साथ गैंगस्टर एक्ट के तहत लागू किया गया|
इस फैसले को योगी आदित्यनाथ सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है, जिसने राज्य में माफिया राज को समाप्त करने का संकल्प लिया है। पिछले तीन महीनों में मुख्तार अंसारी की यह तीसरी सजा है।
जबकि मुख्तार अंसारी ने ईडी के अधिकारियों से मामले का फैसला आने तक मामले की जांच नहीं करने की गुहार लगाई थी| सूत्रों के मुताबिक ईडी के अधिकारियों ने मुख्तार की अपील को स्वीकार कर लिया है|
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