नोटबंदी की पूरी प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट ने वैध करार दिया है। इसलिए देश और विदेश में नोटबंदी के खिलाफ अभियान चलाने वाले राहुल गांधी, पृथ्वीराज चव्हाण, उद्धव ठाकरे और संजय राऊत को देश से माफी मांगनी चाहिए। इस प्रकार की मांग राज्य बिजली कंपनियों के स्वतंत्र निदेशक और भाजपा नेता विश्वास पाठक ने मंगलवार को की। भाजपा प्रदेश कार्यालय में उन्होंने पत्रकार परिषद को संबोधित किया।
श्री पाठक ने कहा कि, 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कम्युनिस्ट नेताओं ने शुरुआत में इस निर्णय का स्वागत किया परंतु अचानक सभी के स्वर विरोधी हो गये। सर्वोच्च न्यायालय ने नोटबंदी के निर्णय प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की कोई खामी नहीं है यह कहते हुए निर्णय को सही ठहराया है। अदालत के फैसले से साफ हो जाता है कि श्री मोदी कोई भी निर्णय गैरजिम्मेदाराना ढंग से और जल्दबाजी में नहीं लेते हैं। उन्होंने बहुत विचारपूर्वक और कानूनी प्रक्रिया का पालन कर नोटबंदी का निर्णय लिया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगा दी है।
नोटबंदी के फैसले की वजह से जाली मुद्रा, काले धन, कर चोरी पर लगाम लगा, कैशलेस और डिजिटल व्यवहार बढ़ा, आतंकवादियों को फंडिंग का कनेक्शन टूटने की वजह से कश्मीर में पत्थरबाजी रूकी यह कहते हुए श्री पाठक ने बताया कि इस निर्णय के बाद देश की अर्थ व्यवस्था 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ी है। अब ऑटो रिक्शा चालक, चाय वाला तक डिजिटल व्यवहार करने लगा है। 12 लाख करोड़ रुपये का लेन-देन डिजिटल व्यवहार से हो रहा है।
बजट का आकार 15 लाख करोड़ रुपये ये 40 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। नोटबंदी के वक्त विश्व में देश की अर्थ व्यवस्था 11वें स्थान पर थी जो आज छलांग लगाकर 5वें पायदान पर पहुंच गई है। प्रत्यक्ष कर में वृद्धि न करते हुए अर्थ व्यवस्था में यह महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। इसका पूरा श्रेय नोटबंदी के फैसले को ही दिया जाना चाहिए। यह बात श्री पाठक ने स्पष्ट रूप से कही है। श्री पाठक ने कहा कि नोटबंदी का निर्णय रिजर्व बैंक से सलाह-मशविरा करने के बाद ही लिया गया था। ऐसा संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा है।
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