शनिवार को पंढारकवड़ा अनुमंडल वन संरक्षक कार्यालय अंतर्गत मांडवा शिवरा में तालाब के पास धारीदार बाघिन का शव मिलने से वन मंडल में हड़कंप मच गया है| यह घटना 28 जनवरी की सुबह करीब सात बजे हुई। इस घटना से वन विभाग की नींद उड़ गई है| बाघिन की मौत किस वजह से हुई इस पर रहस्य बना हुआ है|
शनिवार की सुबह मांडवा में एक वनकर्मी गश्त पर था तभी उसे दुर्गंध का आभास हुआ। जब उन्होंने इलाके में तलाशी की तो एक धारीदार बाघिन मृत पड़ी मिली। इसकी जानकारी संबंधित वनरक्षक ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी।
प्रारंभिक अनुमान है कि इस बाघिन की मौत पांच छह दिन पहले हुई होगी। इस इलाके में तीन से चार बाघ और विचरण कर रहे हैं। मृत बाघिन के सभी अंग सुरक्षित हैं। पशु चिकित्सा अधिकारियों को मौके पर बुलाया गया। मौके पर पंचनामा कर बाघिन का पोस्टमार्टम किया गया।
सहायक वन संरक्षक सुभाष डुमारे, रंजीत जाधव और वन परिक्षेत्र अधिकारी हेमंत उबाले ने मृतक की मौजूदगी में बाघिन के शव का अंतिम संस्कार किया। सड़न के कारण हर तरफ दुर्गंध फैली हुई थी। बाघिन की मौत स्वाभाविक रूप से हुई या दो बाघों के बीच हुई लड़ाई में यह अभी भी जांच का विषय है।
बाघ की उम्र लगभग छह से सात साल है और अनुमान है कि यह बाघ प्राकृतिक रूप से मरा होगा। पोस्टमॉर्टम पशु चिकित्सा अधिकारियों द्वारा किया गया है और रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों का पता चल पाएगा|
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