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Sunday, November 24, 2024
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Umesh Pal Murder: अतीक के शागिर्दों की अब खेर नहीं, बढ़ाई गई इनाम राशि

अतीक अहमद के बेटे, पत्नी समेत 9 पर आरोप

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उमेश पाल हत्याकांड के 18 दिन बीत जाने के बाद भी सभी शूटर पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। हालांकि इसी बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने गैंगस्टर और पूर्व सांसद अतीक अहमद के बेटे तथा उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी असद समेत पांच लोगों के बारे में सूचना देने वाले के लिए इनाम की राशि सोमवार को दोगुनी कर दी है। उमेश पाल की हत्या में शामिल पांच लोगों की गिरफ्तारी या सूचना देने पर ईनाम की राशि ढाई-ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर पांच-पांच लाख रुपये कर दी गई है। इस मामले में जिन अपराधियों की पुलिस को तलाश है, उनमें अरमान पुत्र शमीम, असद पुत्र अतीक अहमद, गुलाम पुत्र मकसूदन, गुड्डू मुस्लिम पुत्र शफीक और साबिर पुत्र नसीम शामिल हैं।

इस केस में माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन भी फरार हो गई है। उसे पकड़ने के लिए पुलिस ने हाल ही में सूचना देने वालों के लिए 25 हजार का इनाम घोषित किया था। लेकिन, अब तक पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई है। इसलिए खबर है कि पुलिस अब इनाम की राशि बढ़ाने पर विचार कर रही है। दरअसल एक सीसीटीवी फुटेज में शूटर साबिर के साथ अतीक की पत्नी शाइस्ता भी दिखी थी, जिसके बाद से ही पुलिस उसकी गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी कर रही है। शाइस्ता की सूचना देने वालों को 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपए दिया जाएगा। हालांकि, इसकी आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है। शाइस्ता परवीन इसी साल 5 जनवरी को बीएसपी में शामिल हुई थी। हालांकि अब शाइस्ता परवीन का सिर्फ टिकट ही काटा जाएगा। और वह पार्टी में बनी रहेंगी। उनकी पार्टी की सदस्यता रद्द नहीं की जाएगी।

उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने मुकदमा दर्ज कराते हुए दावा किया कि उनके पति राजू पाल हत्याकांड में मुख्य गवाह थे। साल 2006 में अतीक अहमद और उसके सहयोगियों ने उनका अपहरण कर लिया और उन्हें अपने पक्ष में अदालत में बयान देने के लिए मजबूर किया था। हालांकि उमेश पाल ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। वहीं 24 फरवरी को इस मामले में सुनवाई हुई थी, जिसे लेकर उमेश पाल, उनका भतीजा व दो सुरक्षाकर्मी संदीप निषाद व राघवेंद्र सिंह अदालत गए थे। उमेश पाल की उनके आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

गौरतलब है कि 25 जनवरी 2005 को बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल अस्पताल से अपने घर लौट रहे थे। उसी वक्त स्कॉर्पियो कार पर सवार कुछ हमलावरों ने राजू पाल पर गोलियां बरसा दी। उमेश पाल राजू पाल के रिश्तेदार थे और राजू पाल की हत्या के मामले में मुख्य गवाह थे।

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