मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। मामले में सह आरोपी वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत याचिका को भी अदालत ने खारिज कर दी। सत्येन्द्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल 30 मई को इस मामले में गिरफ्तार किया था। इससे पहले नवंबर 2022 में भी निचली अदालत भी सतेंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर चुकी है जिसको हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।
गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सत्येंद्र जैन एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं जो जमानत मिलने पर जांच को प्रभावित कर सकते हैं। लिहाजा, केस की इस स्टेज पर जैन को जमानत नहीं दी जा सकती। इससे पहले जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी सतेंद्र जैन की जमानत याचिका का दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान विरोध किया था।
कुछ दिनों पहले ही राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका रद्द कर दी थी। अब उन्होंने भी जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है। तो वहीं अब सत्येन्द्र जैन कि जमानत याचिका खारिज होना यह सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए कुछ दिनों के अंदर ही दोहरे झटका जैसा है।
गौरतलब है कि मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 30 मई 2022 को गिरफ्तार किए जाने के बाद से सत्येंद्र जैन तिहाड़ जेल में हैं। जेल रहते हुए भी वह नौ महीने तक मंत्री पद पर बने रहे। सत्येंद्र जैन से सीएम अरंविद केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद इस्तीफा लिया था। जेल में रहते हुए उनका मसाज वाला वीडियो वायरल हुआ था यह वीडियो की वजह से वह सुर्खियों में बने रहे। सत्येंद्र जैन सीएम केजरीवाल सरकार के सबसे करीबी और काफी प्रभावी नेता रहे हैं।
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