Palghar Sadhu Lynching Case: महाराष्ट्र में 2020 में पालघर में हुई साधु हत्याकाण्ड की अब सीबीआई जांच करेगी। इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सीबीआई जांच के लिए हरी झंडी दे दी है। बता दें कि इस मामले में तात्कालिक उद्धव ठाकरे सरकार ने सीबीआई जांच कराने से इंकार कर दिया था. जबकि विपक्ष सीबीआई जांच की मांग कर रहा था।
इससे पहले इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा था कि इस केस को सीबीआई को सौंपने के लिए क्या तैयारी की है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को इस संबंध में विस्तार से जानकारी देने की लिए दो सप्ताह का समय दिया था। अब शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले में सुनवाई के दौरान इस केस को सीबीआई को सौंपने के बारे में विस्तार से जानकारी मुहैया करायी।इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पालघर साधु हत्याकांड की सीबीआई से जांच कराने के लिए अनुमति दे दी।
दरअसल 16 अप्रैल 2020 में पालघर में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की उपद्रवी भीड़ ने हत्या कर दी थी। यह हत्या बच्चों की चोरी की अफवाह फैलाये जाने के बाद की गई थी। जबकि मारे गए साधु अपने गुरु के निधन पर उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे थे। ये साधु महाराष्ट्र के रास्ते गुजरात के सूरत जा रहे थे। जल्द पहुंचने की नियत से ये साधु छोटे रास्ते से पालघर के गढ़चिंचले गांव में प्रवेश किये थे। जहां गांव वालों ने उन्हें शक के आधार पर रोककर हत्या कर दी थी।
इस मामले की सीबीआई जांच के लिए तात्कालिक उद्धव ठाकरे की सरकार ने इंकार कर दिया था जबकि तब का विपक्ष सीबीआई जांच की मांग कर रहा था। लेकिन उद्धव ठाकरे सरकार का कहना था कि महाराष्ट्र पुलिस की जांच के बाद सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है। गौरतलब है कि ठाकरे सरकार पर आरोपियों के खिलाफ ढिलाई बरतने का आरोप लगता रहा है। इस कांड में महाराष्ट्र अपराध जांच विभाग द्वारा लगभग 250 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। जिसमें कई नाबालिग लड़के भी शामिल थे जिन्हें हिरासत में लिया गया था।
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