कर्नाटक में 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद सरकार गठन को लेकर राजनीतिक ड्रामा चल रहा था। जिस तरह महाराष्ट्र में शिंदे फडणवीस सरकार सत्ता में आई, ठीक उसी तरह भाजपा ने कर्नाटक में भी सत्ता स्थापित की। कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने इस मुद्दे पर भाजपा की आलोचना की है| पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, ”जिस कारण से कर्नाटक सरकार बनी, इसी तरह महाराष्ट्र पर भी लागू होता है।
भाजपा इस हार को बर्दाश्त नहीं करेगी। कुछ न कुछ खुराफात करेगी। अगर हम इससे कुछ निष्कर्ष निकालना चाहते हैं, तो कर्नाटक और महाराष्ट्र दोनों में खरीद-फरोख्त कर सरकार को नीचे गिराया गया। फिर भारी मात्रा में धन का दुरुपयोग किया गया, जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया गया, धन का लालच दिया गया। यही बात महाराष्ट्र पर भी लागू होती है,जिससे कर्नाटक सरकार बनी थी। सरकार बनाने के लिए जो लेन-देन करना पड़ा, हमारी पार्टी ने खर्च और वित्तीय लेन-देन के संबंध में रेट लिस्ट की घोषणा की थी। इसका कोई सबूत नहीं है, लेकिन बात है।
कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि सरकार स्थापित करने के लिए खर्च किए गए धन की वसूली के लिए एक वसूली सरकार शुरू की गई थी। ऐसा सुनने में नहीं आता कि सरकार कोई भी काम करते समय 40 फीसदी कमीशन लेकर काम करती है। इसको लेकर एक ठेकेदार ने प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था। इस पत्र में सरकार और संबंधित मंत्री का नाम भी लिखा था, लेकिन दुर्भाग्य से उस ठेकेदार ने बाद में आत्महत्या कर ली।
पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस ने 40 प्रतिशत कमीशन के खिलाफ अभियान शुरू किया। यह महाराष्ट्र पर भी लागू होता है, चव्हाण ने कांग्रेस के घोषणापत्र के बिंदुओं को पढ़ा। पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि महिलाओं के लिए बेरोजगारी, महंगाई समेत कई योजनाओं का वादा कर कांग्रेस को सफलता मिली| कर्नाटक में धार्मिक ध्रुवीकरण नहीं हुआ है। यह एक महत्वपूर्ण चुनाव था, इसलिए इसका असर पूरे देश पर पड़ेगा। दक्षिणी राज्यों में भाजपा के लिए दरवाजे बंद थे| अब महाराष्ट्र चुनाव भाजपा के लिए महत्वपूर्ण होगा|
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