नए संसद भवन को पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन किया जाना है। जिसको लेकर विपक्ष आक्रामक है और उसका कहना है कि नए संसद का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी को नहीं बल्कि राष्ट्रपति को द्वारा किया जाना है। इसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें पीएम मोदी के खिलाफ थी। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इस याचिका में मांग की गई थी कि नई संसद का उद्घाटन प्रधानमंत्री नहीं बल्कि राष्ट्रपति को करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को ख़ारिज करते हुए याचिकाकर्ता को फटकार लगाई है। अदालत ने कहा कि हम जानते हैं कि यह याचिका क्यों दायर की गई है। इस बात के लिए आप हमारे आभारी रहें कि हम जुर्माना नहीं लगा रहे हैं। गौरतलब है कि यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील सीआर जया सुकिन ने दायर की थी। जिसमें कहा गया था कि संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति से न कराकर भारत सरकार ने भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है। ऐसा करके भारत के संविधान का सम्मान नहीं किया जा रहा है।
याचिका में कहा गया था कि संसद भारत की सर्वोच्च विधायी निकाय है। भारतीय संसद में राष्ट्रपति और दो सदन (राज्यों की परिषद) राज्यसभा और लोकसभा शामिल है। राष्ट्रपति के पास किसी भी सदन को बुलाने का अधिकार है। इसके अलावा राष्ट्रपति को राज्यसभा और लोकसभा को भी भंग करने का अधिकार है। वहीं, कोर्ट ने कहा कि हम नीतिगत मामलों हस्तक्षेप नहीं कर सकते। आप इस तरह की याचिका दाखिल नहीं करे।
गौरतलब है कि 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई संसद का उद्घाटन करेंगे। जिसका विपक्ष विरोध कर रहा है। विपक्ष की मांग है कि नई संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति करें, प्रधानमंत्री नहीं।बता दें कि नया संसद भवन का तिकोना है। इसके लोकसभा में 888 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के सीटों के सिटिंग की व्यवस्था है। वहीं, राज्यसभा में 384 चेयर हैं।
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