एनसीपी लगातार भारतीय जनता पार्टी पर ओबीसी के साथ अनुचित व्यवहार करने का आरोप लगाती रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने इसका जवाब दिया है| बावनकुले ने कहा, चुनाव नजदीक आते ही एनसीपी को ओबीसी समुदाय की याद आ गई। भाजपा ने मोदी को प्रधानमंत्री बनाकर ओबीसी समुदाय को न्याय दिया है|
केंद्र में ओबीसी समुदाय के 27 मंत्री हैं। फडणवीस के कार्यकाल में महाराष्ट्र में ओबीसी मंत्रालय की स्थापना हुई थी। दूसरी ओर तत्कालीन ओबीसी आयोग के सदस्य बबनराव तावडे को महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान इस समुदाय को न्याय न मिल पाने के कारण इस्तीफा देना पड़ा था| बावनकुले ने एनसीपी नेता एकनाथ खडसे को लेकर भी बयान दिया। देवेंद्र फडणवीस ने कैबिनेट में एकनाथ खडसे को 7 खाते दिए थे। अगर वे कह रहे हैं कि उन्हें भाजपा में कुछ नहीं मिला तो एनसीपी में शामिल होने से उन्हें क्या मिला?
एनसीपी नेता एकनाथ खडसे ने चंद्रशेखर बावनकुले के सवाल का जवाब दिया है| खडसे ने कहा, मुझे कैबिनेट में सात नहीं, 12 खाते दिए गए। मूल रूप से, उन्हें स्थिति के अनुसार इसे देने के लिए मजबूर किया गया। क्योंकि तब मैं मुख्यमंत्री पद का दावेदार था। मुझे कहा गया कि मैं 12 या 15 हिसाब ले लूं ताकि मुख्यमंत्री पद के लिए मुझमें बगावत न हो। मुझसे कहा गया था कि आप जो चाहें ले लें और मंत्रिमंडल में शामिल हो जाएं। साथ ही, अगर फडणवीस ने मुझे ये खाते नहीं दिए थे, तो उन्हें परिस्थितियों के अनुसार उन्हें देने के लिए मजबूर होना पड़ा।
भाजपा में लौटें खडसे : भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने रविवार को अपील की कि तावड़े एकनाथ खडसे जैसे वरिष्ठ नेता को भाजपा में वापस आना चाहिए। इसको लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है और आगे-पीछे की चर्चा शुरू हो गई है। तावड़े ने कहा, खडसे को ग्रामीण महाराष्ट्र का अच्छा ज्ञान है और भाजपा में उनके जैसा नेता होना चाहिए। तावड़े ने स्पष्ट किया कि मैंने एकनाथ खडसे या पार्टी के नेताओं से बात नहीं की है और न ही उन्हें ऐसा कोई प्रस्ताव दिया है|
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