एनसीपी पार्टी में बड़ी टूट के बाद अजित पवार एनसीपी के विधायकों के एक बड़े समूह के साथ सत्ता में आए हैं। चर्चा है कि इस बात से शिवसेना का शिंदे गुट नाराज है| ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि शिवसेना में दोनों गुट एक बार फिर एक हो जाएंगे| राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, जिसके कारण शिवसेना का शिंदे गुट, ठाकरे गुट से अलग हो गया था, शिंदे गुट के साथ सत्ता में वापस आ गई है।
साथ ही शिंदे गुट के कई विधायक मंत्री पद पाने की आस में बैठे थे| इस तरह एनसीपी सत्ता में आई। इस पार्टी को नौ मंत्री पद मिले हैं| बताया जा रहा है कि इसी बात से शिंदे गुट के विधायक नाराज हैं|
शिंदे गुट के विधायक भरत गोगावले और शिवसेना की सहयोगी प्रहार जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष बच्चू कडू कई बार अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं| जब मीडिया प्रतिनिधियों ने नाराजगी के बारे में पूछा तो विधायक भरत गोगावले ने कहा, ”आप नाराज होंगे तो क्या करेंगे? तथ्य को स्वीकार करना होगा| थोड़ी नाराजगी रहेगी, जो एक रोटी खाना चाहते थे उन्हें आधी रोटी मिली, जो लोग आधा खाना चाहते थे उन्हें एक रोटी मिली। यदि हम पूरे समीकरण के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं, तो हमें इस समीकरण को स्वीकार करना चाहिए”।
इस आक्रोश को लेकर मीडिया प्रतिनिधियों ने राज्य के उत्पाद शुल्क मंत्री शंभूराज देसाई से सवाल किया| देसाई ने कहा, देखो मेरा चेहरा कितना ताजा है| क्या मैं तुम्हें क्रोधित दिखता हूँ? हमारी पार्टी में बिल्कुल भी नाराजगी नहीं है| जिन लोगों को मंत्री पद नहीं मिला वे भी निराश नहीं हैं|हम सभी के सभी 50 विधायक सोचते हैं कि हम सभी मंत्री हैं।
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