भाजपा ने हाल ही में विदर्भ में शहर और जिला अध्यक्षों की नई नियुक्तियां की हैं| इसने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को अधिक प्राथमिकता देकर अगले साल के लोकसभा चुनावों में ओबीसी वोटों पर पार्टी की पकड़ मजबूत करने की कोशिश की। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने राज्य में शहर और जिला अध्यक्ष बदलने के लिए एक समिति का गठन किया था| कमेटी ने विभिन्न जिलों में जातीय समीकरण का अध्ययन कर क्षेत्रीय कार्यालय को रिपोर्ट सौंपी थी| उस आधार पर नागपुर शहर, ग्रामीण, वर्धा, भंडारा, गोंदिया, गढ़चिरौली, चंद्रपुर शहर और ग्रामीण, पूर्वी विदर्भ के गढ़चिरौली समेत पश्चिमी विदर्भ में पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई| ऐसा करते हुए ओबीसी के नए चेहरों को मौका दिया गया|
नागपुर में, बजरंग दल से भाजपा तक का सफर तय करने वाले बंटी कुकड़े को शहर अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जबकि पूर्व विधायक सुधाकर कोहले को नागपुर ग्रामीण अध्यक्ष नियुक्त किया गया। ये दोनों नेता ओबीसी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं| चाहे वह अमरावती में जिला अध्यक्ष के रूप में नियुक्त सांसद अनिल बोंडे हों या पूर्व मंत्री प्रवीण पोटे को शहर अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया हो, खामगांव में सचिन देशमुख, गोंदिया में येशुलाल उपराले, भंडारा जिले में प्रकाश बलबुधे, गढ़चिरौली में प्रशांत वाघरे, चंद्रपुर शहर अध्यक्ष के रूप में राहुल पावड़े, जिला अध्यक्ष के रूप में हरीश देशमुख। ये सभी ओबीसी के विभिन्न सामाजिक समूहों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
जिला और शहर अध्यक्षों की नियुक्ति से पहले भाजपा ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव प्रमुखों की नियुक्ति की|उसमें भी पार्टी ने ओबीसी को मौका दिया था|आगामी चुनाव की पृष्ठभूमि में बूथ प्रमुख, पेज प्रमुख, शक्ति केंद्र प्रमुख की नियुक्ति की गई| इसमें भी भाजपा ज्यादा से ज्यादा ओबीसी युवाओं को मौका देकर अपने नेतृत्व को आगे लाने की योजना बना रही है| कुल मिलाकर भाजपा ने पार्टी स्तर पर नियुक्तियों में ओबीसी को प्राथमिकता दी है|भाजपा प्रवक्ता चंदन गोस्वामी ने ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा संगठनात्मक स्तर पर और सरकार में भी ओबीसी समुदाय को प्राथमिकता दी है। इसके साथ ही हमने अन्य सामाजिक समूहों को भी न्याय दिलाने का प्रयास किया है।
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