राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है| विपक्ष विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है| सरकार विपक्ष के मुद्दों का जवाब भी दे रही है|आज विधानसभा में जहां आदिवासियों की जमीन हड़पने के मुद्दे पर इसी तरह की चर्चा चल रही है, वहीं एनसीपी की कांग्रेस शरद पवार के विधायक जीतेंद्र आव्हाड के एक बयान पर सत्ताधारी विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताई| इसके बाद जितेंद्र आव्हाड ने उस बयान के लिए माफी मांगी|
जितेंद्र आव्हाड की कड़ी आपत्ति: इस बीच, जितेंद्र आव्हाड ने आदिवासियों की जमीन हड़पने के मुद्दे पर गंभीर नहीं होने के लिए सरकार की आलोचना की| “यह प्रश्न महाराष्ट्र में बहुत महत्वपूर्ण है। जनजातीय भूमि, महार वतन की भूमि का बहुतायत में उपभोग किया जाता है। ऐसी तस्वीर है कि आदिवासियों के मामले में न्याय मांगने की जरूरत नहीं है| मुंबई में आदिवासियों की दो-तीन हजार करोड़ की जमीन है| बड़े-बड़े बिल्डरों ने उन्हें निगल लिया। ठाणे में भी हैं| जब ये बेचारा तहसीलदार के पास जाता है तो उसे टेस्ट क्रिकेट ही खिला दिया जाता है| जब बिल्डर आता है, तो ट्वटी-20 चालू होता है”, जितेंद्र अवाद ने कहा।
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