हमास और इजराइल (इजरायल-हमास) की लड़ाई का असर भारत समेत कई देशों पर पड़ेगा। हालांकि युद्ध दो देशों में चल रहा है, लेकिन इसने दुनिया भर की खुफिया एजेंसियों को हाई अलर्ट पर डाल दिया है। यह मामला दो देशों तक सीमित नहीं है| इस युद्ध का असर दुनिया पर पड़ने वाला है| इस युद्ध का फायदा उठाकर कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए दुनिया भर की खुफिया एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं।
सूत्रों का कहना है कि फ़िलिस्तीनी मुद्दे के लिए विश्वव्यापी समर्थन को कम करके नहीं आंका जा सकता। वहीं दूसरी ओर हमास द्वारा इजराइल पर किए गए क्रूर हमले ने चिंता बढ़ा दी है|ये दोनों मुद्दे अलग-अलग हैं|अब ये युद्ध दुनिया को बांट रहा है|और यह युद्ध अमेरिका और खाड़ी देशों के साथ-साथ अन्य देशों के लिए भी एक चुनौती रहा है। एक गुट या तो हमास का समर्थन कर रहा है या दूसरी तरफ अपनी ताकत बढ़ाने के लिए युद्ध का इस्तेमाल कर रहा है|
सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो: पूर्व आईबी अधिकारी यशोवर्धन आजाद ने कहा है कि कई फर्जी वीडियो जानबूझकर फैलाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया का उपयोग क्षेत्र में तनाव बढ़ाने के लिए किया जा रहा है, आतंकवादी इसका उपयोग अपनी रणनीति को बढ़ावा देने के लिए कर रहे हैं। लेकिन खुफिया एजेंसियां इस पर नजर बनाए हुए हैं| इन फर्जी वीडियो पर खुफिया एजेंसियों की नजर रहती है| एक अखबार से बात करते हुए यशोवर्धन ने कहा कि अल कायदा, आईएसआई और साथ ही पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों के स्लिपर सेल अपनी मजबूत स्थिति और उपस्थिति दिखाने के लिए छोटे-मोटे हमले कर सकते हैं। नई दिल्ली में सुरक्षा अधिकारी इजराइल-हमास युद्ध पर कड़ी नजर रख रहे हैं|
क्या यह युद्ध नहीं फैलेगा?: रक्षा प्रतिष्ठान के एक समूह का दावा है कि यह युद्ध नहीं फैलेगा| क्योंकि सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे खाड़ी देश संपत्ति की सुरक्षा को प्राथमिकता देंगे। कतर बंधकों की अदला-बदली में मध्यस्थता कर सकता है। किसी भी समझौते या बैठक में वैध साझेदार के रूप में हमास को जगह नहीं मिलेगी| हमास ने कई नागरिकों की हत्या की है| साथ ही कई लोगों को बंधक भी बना लिया गया है|
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