बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री का सत्संग एवं दरबार कार्यक्रम बुधवार तक पुणे में आयोजित किया गया है|इस कार्यक्रम का पुणे में विभिन्न प्रगतिशील संगठनों ने विरोध किया है।अंधविश्वास निर्मूलन समिति ने दावा किया है कि धीरेंद्र शास्त्री सत्संग और दरबार के माध्यम से अवैज्ञानिक, संविधान विरोधी प्रावधानों पर टिप्पणी कर अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाले बयान, कार्य और दावे करते रहे हैं। अनीस ने इस मामले में कार्रवाई की भी मांग की है| इन सबके बीच उन्होंने पुणे में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर संविधान संशोधन की मांग की है|
हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, ”हमारे पूर्वजों ने संविधान को स्वीकार किया है|मैं भी संविधान को स्वीकार करता हूं,लेकिन संविधान में अब तक 125 बार संशोधन हो चुका है।तो एक बार फिर हिंदू राष्ट्र के लिए संविधान संशोधन में गलत क्या है,लेकिन सबसे पहले हम लोगों के दिलों में हिंदू राष्ट्र की स्थापना करना चाहते हैं|‘ एक बार लोगों के दिलों में हिंदू राष्ट्र स्थापित हो जाए तो संविधान में भी हिंदू राष्ट्र होगा।’
अगर हिंदू राष्ट्र स्थापित हो गया तो देश के मुसलमान और अन्य धर्म के लोग कहां जाएंगे? यह सवाल पूछे जाने पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, ”उन्हें कहीं भागने की जरूरत नहीं है| रामराज्य में सभी धर्मों के लोग रहते थे। रामराज्य की स्थापना के बाद न तो मुसलमानों को और न ही ईसाइयों को कहीं भागने की जरूरत है। यही तो हम लोगों को समझाना चाहते हैं|
रामराज्य का अर्थ है सामाजिक समरसता। हिंदू राष्ट्र का मतलब है सभी के बीच एकता… हिंदू राष्ट्र का मतलब है कि आप हमारे भगवान श्री राम की यात्रा पर पत्थर मत फेंको… हिंदू राष्ट्र का मतलब है कि आप पालघर में संतों के साथ जो हुआ उसे मत दोहराओ। किसी को भागने की जरूरत नहीं है| लेकिन अगर आपके दिल में कोई पाप है, अगर आप पालघर नरसंहार के हत्यारे हैं, अगर आप राम यात्रा पर पत्थरबाजी की हैं, तो आपकी टांगे बाँध दी जाएँगी।”
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