अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने ज्ञानवापी मस्जिद पर एएसआई सर्वेक्षण रिपोर्ट पर कहा है कि यह दस्तावेज़ अदालत का फैसला या अंतिम फैसला नहीं है। बता दें कि, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद एक बड़े हिंदू मंदिर के अवशेषों पर बनाई गई है।
समिति के सचिव मोहम्मद यासीन ने कहा कि “यह सिर्फ एक रिपोर्ट है, ‘फैसला’ अंतिम नहीं है। कई तरह की रिपोर्ट हैं। यह इस मुद्दे पर अंतिम शब्द नहीं कहा जा सकता है।” उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट पूजा स्थल अधिनियम, 1991 से जुड़े मामले की सुनवाई करेगा तो मुस्लिम पक्ष अपना पक्ष रखेगा। वहीं, इस मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने गुरुवार को कहा कि एएसआई को मस्जिद के अंदर एक मंदिर के अवशेष मिले थे।
उन्होंने कहा था कि मस्जिद औरंगजेब ने एक मंदिर को तोड़कर बनाई थी। जैन ने दावा किया कि सर्वेक्षण के दौरान दो तहखानों में हिंदू देवताओं की मूर्तियों के अवशेष भी मिले। उन्होंने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि मस्जिद के निर्माण के लिए पहले से मौजूद मंदिर के कई हिस्सों का इस्तेमाल किया गया है।
उन्होंने कहा कि “मौजूदा वास्तुशिल्प अवशेष, दीवारों पर सजाए गए सांचे, प्रवेश द्वार, विकृत छवि वाला एक छोटा प्रवेश द्वार, और अंदर बाहर सजावट के लिए नक्काशी किए गए पक्षियों और जानवरों से पता चलता है कि पश्चिमी दीवार एक हिंदू मंदिर का शेष हिस्सा है। एक कमरे के अंदर पाए गए अरबी फ़ारसी शिलालेख में उल्लेख है कि मस्जिद का निर्माण औरंगजेब के 20वें शासनकाल में किया गया था। इसलिए ऐसा प्रतीत होता है कि पहले से मौजूद संरचना 17वीं शताब्दी में नष्ट हो गई थी।
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