कुवैत के श्रमिकों के इमारत में हुई भीषण अग्निकांड में मरने वालों में भारतीय श्रमिकों की भी बड़ी संख्या बताई गयी है| इस अग्निकांड हादसे में मरने वाले 45 श्रमिकों को लेकर भारत सरकार मदद व उनके परिजनों को सहयोग के लिए हरसंभव तत्पर है| देश के विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या से मुलाकात की। अल-याह्या ने पूरा सहयोग देने का वादा किया।
बता दें कि देश की ओर से वायुसेना का सुपर हरक्युलिस विमान कुवैत से 45 शवों को लेकर शुक्रवार रात को भारत रवाना हुआ था। यह सुबह भारत पहुंचा। पहले यह विमान केरल के कोच्चि में उतरा, क्योंकि ज्यादातर मृतक वहीं के थे। इसके बाद विमान दिल्ली आएगा। यहां से शव संबंधित राज्यों में भेजे जाएंगे।
कुवैत में हुए भीषण अग्निकांड में मरने वालों में 45 लोगों की पहचान भारतीयों के रूप में हुई है। इस इमारत में 196 प्रवासी श्रमिक काम कर रहे थे। मृतकों में दो उत्तर प्रदेश, 24 केरल, सात तमिलनाडु और तीन आंध्र प्रदेश के रहने वाले थे। वहीं, भारतीय वायु सेना का एक विशेष विमान, सी-130जे मृतक 45 भारतीयों के शवों को लेकर शुक्रवार सुबह कोच्चि पहुंचा। भारतीय दूतावास ने इस बारे में जानकारी दी है। दूतावास ने बताया कि विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह भी उसी विमान से वापस आए।
कुवैत के प्रथम उप प्रधानमंत्री शेख फहद अल-यूसुफ अल-यूसुफ के हवाले से बताया कि अधिकारियों ने अब तक 48 शवों की पहचान की है। कुवैत के दक्षिणी शहर मंगाफ में सात मंजिला श्रमिकों के इमारत में हुए हादसे में 49 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 50 से अधिक घायल हुए हैं। केरल सरकार ने परिजनों को 5-5 लाख रुपये की मदद की घोषणा की है।
इस बीच, भारत के विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह कुवैत पहुंच गए हैं। वहां उन्होंने घायलों से मुलाकात की है। सिंह स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर शवों को भारत लाने के प्रयास में जुटे हैं। वहीं, कुवैत प्रशासन ने शवों की पहचान स्थापित करने के बाद वादा किया कि वह हादसे की त्वरित जांच करेगा और शवों को वापस भेजने में पूरी मदद करेगा।
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