30 C
Mumbai
Sunday, November 24, 2024
होमधर्म संस्कृतिधाराशिव: चौथी शताब्दी के त्रिविक्रम मंदिर को ​मिलेगा उसका पुराना गौरव​! ​

धाराशिव: चौथी शताब्दी के त्रिविक्रम मंदिर को ​मिलेगा उसका पुराना गौरव​! ​

धाराशिव तालुक के टेर में त्रिविक्रम मंदिर आज राज्य का सबसे पुराना मंदिर है। वर्ष 2023 में राज्य सरकार ने रुपये की धनराशि स्वीकृत की थी।

Google News Follow

Related

राज्य के सबसे पुराने मंदिर के रूप में प्रतिष्ठित चौथी शताब्दी के त्रिविक्रम मंदिर का संरक्षण और संरक्षण कार्य इस समय पूरे जोरों पर है। मंदिर के सामने का सभा भवन पूरी तरह से हटा दिया गया है और इसे डेढ़ हजार साल पहले जैसा बनाया जा रहा है। इसके लिए ईंटें उसी तरह तैयार की जा रही हैं, जैसे 1500 साल पहले इस्तेमाल की जाती थीं|संतों की पहली बैठक संत नामदेव, संत ज्ञानेश्वर, मुक्ताबाई, सोपान, निवृत्तिनाथ और संत गोरोबा कुंभार की उपस्थिति में हुई।

राज्य सरकार के पुरातत्व विभाग और सांस्कृतिक कार्य निदेशालय की ओर से त्रिविक्रम मंदिर के संरक्षण और संरक्षण कार्य में अब तेजी आ गई है। इसलिए टेर के विकास को काफी बढ़ावा मिलेगा|धाराशिव तालुक के टेर में त्रिविक्रम मंदिर आज राज्य का सबसे पुराना मंदिर है।वर्ष 2023 में राज्य सरकार ने रुपये की धनराशि स्वीकृत की थी।

इसी क्रम में प्राचीन त्रिविक्रम मंदिर का संरक्षण एवं संरक्षण का कार्य तेजी से चल रहा है। इसलिए यह कार्य इस मंदिर की प्राचीन सुंदरता में चार चांद लगा देगा। यह कार्य वर्तमान में कई इतिहास शोधकर्ताओं की जान ले रहा है।

त्रिविक्रम मंदिर के गर्भगृह के सामने 7वीं शताब्दी का लकड़ी का मंडप है। इसी लकड़ी के मंडप में संत मेला लगता था। इसे मराठी भाषा में पहली मुलाकात भी कहा जाता है। इस मंदिर में नामदेव महाराज स्वयं कीर्तन करते थे। गर्भगृह में दरारें पड़ने के कारण बरसात के दिनों में इस लकड़ी के मंडप से पानी टपकता रहता था। इससे श्रद्धालुओं व शोधकर्ताओं सहित ग्रामीणों ने लकड़ी के मंडप के ढहने की आशंका जताई है|

इसके बाद, राज्य सरकार के सांस्कृतिक मामलों के निदेशालय ने लकड़ी के सभा कक्ष, गर्भगृह, गरुड़ मंदिर, मुंडेश्वरी मंदिर की मरम्मत, प्रकाश योजना जैसे विभिन्न कार्यों के लिए 2.9 मिलियन रुपये की निधि स्वीकृत की। धाराशिव ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र की गौरवशाली विरासत की ऐतिहासिक पहचान डेढ़ हजार साल पुराने मंदिर के लिए टेर आना ही पड़ेगा।

यह भी पढ़ें-

इतिहास में पहली बार ​राज्य ​की​ मुख्य सचिव ​के​ रूप में महिला अधिकारी ​की​ नियुक्ति!

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,296फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
195,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें