उपमुख्यमंत्री और महाराष्ट्र भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेन्द्र फडणवीस ने महागठबंधन के पदाधिकारियों और प्रवक्ताओं को सलाह दी है|महायुति के प्रवक्ता नेताओं के बयान हमारे बीच कलह की तस्वीर बना रहे हैं| इसलिए सभी को बयानबाजी करने में सावधानी बरतनी चाहिए”, सरकारी योजना और क्रियान्वयन को लेकर मुंबई के षणमुखानंद सभागार में महायुति पदाधिकारियों की राज्य स्तरीय बैठक हुई|
फडणवीस ने कहा, अगर किसी (प्रवक्ता, पदाधिकारी, महायुति के नेता) को एक-दूसरे के खिलाफ बात करने का मन हो तो उसे अपने नेताओं के पास जाकर पूछना चाहिए। उन्हें जाकर अपने नेता से पूछना चाहिए कि मुझे बोलने का मन हो रहा है, क्या मैं बोलूं? अगर आपके नेताओं को इसकी इजाज़त हो तो ख़ुश होकर बोलें । लेकिन एक बात याद रखें कि हम सब एक हैं और एक ही रहना चाहिए।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, विपक्ष हमारे खिलाफ अभियान चला रहा है, उन्होंने प्रचार करना शुरू कर दिया है कि हम एकजुट नहीं हैं,जब हम एक-दूसरे के खिलाफ बयान देते हैं तो दुर्भाग्य से हम उनके दुष्प्रचार को और अधिक बल दे रहे होते हैं।’ इस प्रकार हम हिट विकेट, रन आउट हो जाते हैं, यह स्थिति ठीक नहीं है। अजित पवार ने पहले ही साफ कर दिया है कि पार्टियों के वरिष्ठ नेता टिकट बांटेंगे| किसे मिलेगी कौन सी सीट? इसका निर्णय मंच पर वरिष्ठ नेता करेंगे। मैं, अजित पवार, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित महागठबंधन के वरिष्ठ नेता एक साथ बैठेंगे, चर्चा करेंगे और एक-दूसरे की सलाह से निर्णय लेंगे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, जब हम गठबंधन में हैं तो हर नेता, कार्यकर्ता की कुछ इच्छाएं और अपेक्षाएं होती हैं, लेकिन एक बात याद रखें, हालांकि हर किसी की आकांक्षाएं होती हैं, हर पक्ष को कुछ न कुछ समझौता करना पड़ता है और हम सभी को समझौते की भूमिका निभानी होती है। यदि समझौता नहीं किया गया तो गठबंधन टिक नहीं पाता। मैं अपना ख्याल रखता हूं, दूसरों का क्या होगा,ये रोल नहीं चलेगा| यदि आप ऐसा करते हैं तो आप पर हमला हो सकता है।
भाजपा नेता ने कहा, लोकसभा चुनाव में जीत से उनके विरोधी बौखला गए हैं| इसलिए वे किसी भी तरह का समझौता करने को तैयार हैं, लेकिन अगर हम कठोर रुख अपनाएंगे तो मैं अपना ख्याल रखूंगा दूसरों का नहीं, अगर हम इस तरह की मानसिकता रखेंगे तो हम खुद को खो देंगे। शेखचिल्ली जिस पेड़ की शाखा पर बैठता है उसी को काट देता है, हम भी काट देंगे।
हम सभी राजनीतिक नेता हैं। हमें साथ मिलकर चलना होगा| फैसले मिलजुल कर लेने होंगे| अगर आपको कोई फैसला पसंद नहीं है तो उस पर अपनी राय चारदीवारी के अंदर ही रखनी चाहिए। चार दीवारों के भीतर संवाद करें| मेरा मानना है कि अगर हम ठान लें तो हम बहुत कुछ कर सकते हैं। महागठबंधन में हमारे 200 से ज्यादा विधायक हैं| विशाल कार्यकर्ता हमारे साथ हैं| इसलिए हम आगामी विधानसभा चुनाव में 200 से अधिक सीटें जीत सकते हैं।
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