जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियां इन दिनों बढ़ती दिखाई दे रही है|साथ ही आतंकवादियों द्वारा सेना के जवानों पर हमलों की घटनाओं में तेजी से वृद्धी हुई|एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर का माहौल बिगाड़ने की बार-बार कोशिश की जा रही है|साथ ही इन आतंकी मदद से पाक अपने नापाक इरादों से बाज नहीं आ रहा है|जम्मू संभाग में पिछले आठ दिनों में दूसरी बड़ी मुठभेड़ अब तक सेना के अधिकारी और सैनिक मिलाकर 9 जवान शहीद हो गए हैं|अभी भी सेना की ओर से सर्च ऑपरेशन जारी है|
बता दें कि जम्मू संभाग में पिछले आठ दिनों में दूसरी बड़ी मुठभेड़ हुई। डोडा मुठभेड़ में तीन जवान और एक अधिकारी बलिदान हुए हैं। आठ जुलाई को कठुआ मुठभेड़ में भी पांच जवानों का बलिदान हुआ था। दोनों ही मुठभेड़ में एक भी आतंवादी हाथ नहीं लग सके हैं। इन दोनों ही हमलों की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन कश्मीर टाइगर्स ने ली है।
जम्मू संभाग के अलग-अलग इलाकों में चल रहे सर्च ऑपरेशन के बीच आतंकवादी की जबावी कार्रवाई में अब तक कुल 9 जवान शहीद हो चुके हैं|हालांकि आतंकियों के इस वारदात का बहादुर जवान जल्द ही बदला लेंगे। जम्मू संभाग के जिला डोडा के देसा वन क्षेत्र में सोमवार को आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई। देर रात तक चली मुठभेड़ में सेना के अधिकारी और जवान घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान तीन जवान वीर गति को प्राप्त हो गए।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘डोडा (जम्मू-कश्मीर) में आतंकवाद विरोधी अभियान में हमारे बहादुर और साहसी भारतीय सेना के जवानों के शहीद होने पर मुझे गहरा दुख हुआ है।मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। राष्ट्र हमारे उन सैनिकों के परिवारों के साथ मजबूती से खड़ा है जिन्होंने कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। हमारे सैनिक आतंकवाद के अभिशाप को खत्म करने और क्षेत्र में शांति और व्यवस्था बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
गौरतलब है कि पांच सैनिकों के बलिदान के दुःख से देश अभी उबर नहीं पाया था कि आतंकियों से मुकाबला करते हुए हमारे पांच और बहादुर सैनिक शहीद हो गए।आतंकियों की तलाश में डोडा के देसा इलाके में गहन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, ये इलाका ऊंचे पहाड़ और जंगल से घिरा हुआ है। यहां न तो बेहतर सड़क सुविधा है और न ही फोन नेटवर्क। मौसम भी धुंध से घिरा रहता है।
यह भी पढ़ें-