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Sunday, November 24, 2024
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शिंदे सरकार का बड़ा ऐलान, ​आशा ​और​ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ​को​​ 10 लाख ​का​ दुर्घटना बीमा​ !

आंगनवाड़ी सेविका और आशा सेविका स्थानीय स्तर पर अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने के लिए काम करती हैं। वे सरकारी योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाते हैं​|​ वे उन पर अमल करते हैं​|​ ये सेवक सरकार और आम जनता के बीच महत्वपूर्ण कड़ी हैं।

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मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में आज राज्य कैबिनेट की अहम बैठक हुई है​|​ राज्य कैबिनेट की आज की बैठक में 6 अहम और बड़े फैसले लिए गए हैं​|​ इसमें राज्य में आशा स्वयंसेवकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, समूह प्रवर्तकों को लेकर जन स्वास्थ्य विभाग की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है​|राज्य में आशा स्वयंसेवकों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का काम बहुत बड़ा है। आशा सेविका और आंगनवाड़ी ​कार्यकर्ता​ राज्य की महत्वपूर्ण योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाने का काम करती हैं। आंगनवाड़ी सेविका और आशा सेविका स्थानीय स्तर पर अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने के लिए काम करती हैं। वे सरकारी योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाते हैं​|​ वे उन पर अमल करते हैं​|​ ये सेवक सरकार और आम जनता के बीच महत्वपूर्ण कड़ी हैं।

आंगनवाड़ी सेविकाओं और आशा सेविकाओं को अपना काम करते समय अक्सर यात्रा करनी पड़ती है। हमें स्थानीय स्तर पर भी काम करना होगा​|​तो अगर कोई दुर्घटना हो जाए तो उनकी निजी जिंदगी का क्या होगा? एक सवाल उठ सकता है​|​इसलिए सरकार ने इन आशा सेविकाओं, आंगनबाडी सेविकाओं और समूह प्रवर्तकों के लिए एक विशेष बीमा योजना की घोषणा की है​|​ इन सेवकों को अब सरकार की ओर से 10 लाख का बीमा कवर दिया जाएगा​|​

आशा सेविकाओं के लिए क्या है फैसला?: राज्य कैबिनेट की बैठक में आशा सेविकाओं, आंगनबाडी सेविकाओं और समूह प्रवर्तकों के लिए बड़ा फैसला लिया गया है| राज्य सरकार अब आशा स्वयंसेवकों, आंगनबाडी कार्यकर्ताओं, समूह प्रवर्तकों को अनुदान देने जा रही है। ड्यूटी के दौरान दुर्घटनावश मृत्यु होने पर 10 लाख और विकलांगता पर 5 लाख रुपये मिलेंगे। राज्य सरकार का यह फैसला आशा सेवकों, आंगनबाडी सेवकों और समूह प्रवर्तकों के लिए बड़ी राहत है|

राज्य सरकार ने क्या कहा है?: बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य सरकार की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि आशा स्वयंसेवकों, आंगनबाडी कार्यकर्ताओं, समूह प्रवर्तकों को 10 हजार रुपये अनुदान देने का निर्णय लिया गया है|

इस प्रयोजन हेतु प्रति वर्ष लगभग 1 करोड़ 5 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत की गयी। यह फैसला 1 अप्रैल 2024 से लागू होगा| वर्तमान में ऐसे 75 हजार 578 स्वयंसेवक और 3622 समूह प्रवर्तक कार्यरत हैं और स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे हैं। ऐसा करते समय आकस्मिक मृत्यु या विकलांगता की स्थिति में उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए यह निर्णय लिया गया था।

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