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Saturday, September 21, 2024
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सुप्रिया सुले का ​​अजित पवार कटाक्ष​ : ​मन​ से मांगते तो निशानी और पार्टी सब कुछ दे ​​देते​​​!

शरद पवार से सांसद सुप्रिया सुले ने गुस्से में पूछा कि वे चुनाव से पहले हर महिला को 10 हजार रुपये देने जा रहे हैं, यानी हर महिला के वोट की कीमत 10 हजार रुपये है? अगर भाई मांगता तो उसे पार्टी और निशानी दे दी जाती| उसने यह भी कहा कि ऊपर क्या ले जाना है|

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हमें अगले 90 दिनों तक अपने आत्मसम्मान के लिए लड़ना है|उन्हें लगता है कि रिश्ते और लोग पैसे से खरीदे जा सकते हैं। 50 बक्से, बिल्कुल ठीक, ये ऐसे बक्सों वाली सरकार है। लेकिन लोग धूर्त नहीं हैं, ईमानदार हैं। सत्ता अपने लिए नहीं है| किसी और के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना। शरद पवार से सांसद सुप्रिया सुले ने गुस्से में पूछा कि वे चुनाव से पहले हर महिला को 10 हजार रुपये देने जा रहे हैं, यानी हर महिला के वोट की कीमत 10 हजार रुपये है? अगर भाई मांगता तो उसे पार्टी और निशानी दे दी जाती| उसने यह भी कहा कि ऊपर क्या ले जाना है|

सांसद सुप्रिया सुले आज जलगांव जिले के पारोला में हैं| इस बार उन्होंने ये चेतावनी दी| अजितदादा ने मुझसे कहा होगा कि सुप्रिया मुझे पार्टी और सिंबल दे दो। अगर मेरे भाई ने मुझसे कोई निशानी और पार्टी मांगी होती तो मैं सब कुछ दे देता| आप बड़े हों आपका अधिकार है| मैं कहता कि तुम्हें जो चाहिए ले लो|

मैं कैसे चुप रह सकता हूं?: मैं कभी किसी की जगह नहीं लेता, कभी पार्टी कार्यालय यहां नहीं ले जाता। ऐसा कभी नहीं कहा| आज हमारी पार्टी ली| निशानी ले ली| कल वे तुम्हारे घर में घुसकर कहेंगे कि यह खेत हमारा है। चाहे कोई कुछ भी कहे, मैं लड़ना जारी रखूंगा क्योंकि अदालत में मामला है। अगर आप शरद पवार और उद्धव ठाकरे को मार देंगे तो मैं कैसे चुप रह सकता हूं?’ किसी को लड़ना होगा| उन्होंने कहा, इसीलिए मेरी यह लड़ाई जारी है।

मैं नहीं रुकूंगा: बाला साहब ठाकरे ने खुद पार्टी की स्थापना की थी, लेकिन उद्धव ठाकरे को अपनी पार्टी के लिए कोर्ट जाना पड़ा| मेरा किसी से कोई झगड़ा नहीं है| सुप्रिया सुले ने कहा, मेरी लड़ाई दिल्ली में अदृश्य ताकतों से है, मेरी लड़ाई उनसे है और मैं नहीं रुकूंगी। अगर मैं लड़ सकती हूं तो इसका मतलब होगा कि राज्य की हर महिला अपने आत्मसम्मान के लिए लड़ सकती है।

नहीं झुकेंगे: एक तरफ भाई और दूसरी तरफ पिता|भाई ने कहा मेरे साथ चलो| मैंने उनसे कहा, दूसरी ओर, यह एक नैतिक लड़ाई है। और मैं अपने 80 वर्षीय स्वाभिमानी पिता के साथ खड़ा था। आज मुझे लगता है कि मेरा फैसला सही था|’ मैं दिल्ली के सामने कभी नहीं लड़ूंगा| वह बड़ी मुश्किल से खायी हुई रोटी में से आधी रोटी खायेगा। लेकिन वह आपके सामने नहीं झुकेंगे, उन्होंने दृढ़ता से कहा।

भाई-बहन का रिश्ता प्यार और विश्वास का होता है। यह पैसे के बारे में नहीं है| बस एक बहन से 1500 रुपए वापस ले लेना| फिर देखिए ये बहन क्या करती है, सुप्रिया सुले ने बिना नाम लिए रवि राणा पर निशाना साधा| जब हमारी सरकार आएगी तो हमारे मुख्यमंत्री सबसे पहले आपको गारंटी देने का निर्णय लेंगे। जिसे चाहो वोट दो,लेकिन अगर कोई तुम्हें धमकी दे तो बताओ| सुप्रिया सुले ने चेतावनी भी दी कि मैं देखूंगी कि उनका कार्यक्रम कैसे करना है|

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