उत्तर प्रदेश में शुक्रवार (23 अगस्त) से पुलिस भर्ती परीक्षाओं की शुरुवात हुई है। फरवरी की पुलिस भर्ती परीक्षाओं में पेपर लिक और धांधली के आरोपों के बाद यूपी में पेपर लिक को लेकर कठोर कानून बनाए गए, जिसके बाद यह पहली सरकारी परीक्षा होनी है। ऐसे में पूर्व विधायक सपा नेता यासर शाह द्वारा भ्रामक जानकारी फ़ैलाने के आरोप में एफआईआर दर्ज हुआ है।
यूपी की कांस्टेबल पुलिस भर्ती परीक्षा में पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा टेलीग्राम के जरिए पेपर लीक करने का दवा किया गया था। वहीं पुलिस भर्ती बोर्ड ने पुष्टि करते हुए बताया है की, टेलीग्राम पर QR code के जरिए मोटी रकम लेकर फर्जी प्रश्नपत्र बांटे जा रहे है। सोशल मीडिया पर झूठी बात फ़ैलाने के आरोप में शोएब नबी सेफी, हरीश कुमार भगत, डिलाइट इंटरप्राइजेज, मनु कुमार श्रीवास्तव, कपिल जांगिड़, सिद्धार्थ कुमार गुप्ता, यासर शाह समेत 7 लोगों का नाम सामने आया है।
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सामजवादी पार्टी के नेता यासर शाह पूर्व मंत्री रह चुके है। एफआईआर के अनुसार यासर शाह ने सोशल मिडिया प्लेटफार्म एक्स पर अपने अकाउंट से पेपर लीक की भ्रामक जानकारी फैलते हुए अपमानजनक पोस्ट की। कहा जा रहा है की ऐसी भ्रामक जानकारी फ़ैलाने का परिणाम परीक्षार्थियों के भविष्य पर हो सकता है। साथ ही परीक्षा व्यवस्था की गरिमा को ठेंस भी लग सकती है। ऐसे में पूर्व विधायक यासर शाह समेत अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज किए गए है।
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